जमानियां(गाजीपुर)। स्टेशन बाजार स्थित
हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस पर बुद्धवार को विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमित कुमार वर्मा उपाख्य “यायावर” के काव्य संग्रह ‘स्पंदन’ का लोकार्पण हुआ।
काव्य संग्रह का लोकार्पण महाविद्यालय के प्रबंधक लछिराम सिंह यादव, ‘सौरभ साहित्य परिषद’ के संस्थापक वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र सिंह, पूर्व प्राचार्य प्रो.शरद कुमार, प्राचार्य प्रो.संजीव सिंह एवं बाराबंकी के सुख्यात कवि संजय सांवरा ने संयुक्त रूप से किया।
उक्त अवसर पर विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र सिंह ने अपने बीज वक्तव्य में हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कवि अमित के उज्ज्वल साहित्यिक भविष्य की मंगल कामना की। उन्होंने कहा कि कवि कर्म केवल रचनाकार को तोष नहीं प्रदान करता वरन यह समाज के परिमार्जन का भी सुकार्य करता है। कवि अगर साहित्यिक अवदान द्वारा समाज का सृजन नहीं कर पाता तो निश्चित रूप से उसकी कृति कूड़ा है। आज मस्तिष्क उर्वर होता जा रहा जबकि मानवता मरती जा रही है। इस पर भी विचार करना होगा, क्योंकि कवि कार्य ही है विसंगतियों पर हथौड़ा चलाना, जिसे बखूबी किया है स्पंदन के रचनाकार डॉ.अमित वर्मा “यायावर” ने। इनकी भाषा व्याकारणिक रूप से समृद्ध एवं आमजन की भाषा है, जो पाठक को अपनी तरफ आकर्षित करने की शक्ति रखती है। इस सुंदर रचना के लिए मैं अमित को पुनः पुनः बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
राजनीतिशास्त्र विभाग के प्रो. मदनगोपाल सिन्हा ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि पूरा विश्व आज भारत की ओर देख रहा है, जो प्रमाणित करता है कि विश्व में हिंदी की स्थिति सुदृढ़ तथा मजबूत हो रही है। अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. राकेश कुमार सिंह ने हिंदी को मन वचन और कर्म से अपनाने की अपील की।
हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अभिषेक तिवारी ने ‘स्पंदन’ काव्य संग्रह से गीत प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। उन्होंने कहा कि कविवर अमित की रचनाओं में चिंगारियां भी हैं और पथ को ज्योतित करने का जुनून भी।
मुख्यवक्ता हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री ने कहा कि हिंदी इन दिनों समृद्ध हुई है हमारा दायित्व लोगों को जागरूक करने का है। आज हिंदी हमारे देश की संस्कृति और धर्म की वाहक है। इसके वगैर किसी भी भारतीय का अस्तित्व नहीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो संजीव सिंह ने हिंदी को दैनिक जीवन में अधिकाधिक प्रयोग में लाने की बात कही। अभ्यागतों के प्रति आभार हिंदी वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.अंगद प्रसाद तिवारी ने बखूबी किया। संचालन एवं सुकंठ काव्य पाठ बाराबंकी से पधारे कवि संजय सांवरा ने करते हुए लोगों का मन मोह लिया।कार्यक्रम में प्रो.शरद कुमार, प्रो.विमला देवी, प्रो.अरुण कुमार, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ.संजय कुमार राय, डॉ.अरून्धती त्रिवेदी, रामलखन यादव, बिपिन कुमार, डॉ.सुनील कुमार चौधरी, डॉ. लालचन्द पाल, डॉ.अखिलेश कुमार जायसवाल, डॉ.नीतू सिंह, डॉ.जितेन्द्र कुमार सिंह, डॉ.रवीन्द्र कुमार मिश्र सहित विभाग तथा महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने उत्साह पूर्वक सहभागिता की।