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साइबर अपराध के पीड़ितों को साइबर सेल ने कराया धन वापस

गाजीपुर। जनपद साइबर सेल द्वारा शनिवार को साइबर अपराध के पीड़ितों के कुल 217990.00 रुपये वापस कराने में बड़ी सफलता प्राप्त हुई।

पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे के आदेशानुसार साइबर अपराध के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत अपर पुलिस अधीक्षक नगर के कुशल निर्देशन में प्रार्थना पत्रों पर कार्यवाही हेतु दिये गये आदेश -निर्देश के अनुपालन के तहत आवेदको की अवैध ट्रांजेक्शन होने की शिकायत पर प्रभारी साइबर सेल उ0नि0 वैभव मिश्रा मय टीम के प्रकरण का अध्ययन कर अवैध ट्रांजेक्शन जिन पेमेंट गेटवे के माध्यम से हुए थे, संबंधित कम्पनी/मर्चेन्ट को जरियें मेल पत्राचार कर एवम् दूरभाष पर सम्पर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन रोकन एवं ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रदान करने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण की। जिसके फलस्वरुप कुल 03 ऑफलाइन/ऑनलाईन आवेदक के प्राप्त प्रार्थाना पत्रो पर त्वरित कार्यवाही करते हुए आवेदको की गाढ़ी कमाई कुल रूपये 217990.00 को खातें में वापस कराया गया। अपनी मेहनत की कमाई पुनः प्राप्त होने पर आवेदको द्वारा साइबर कार्यालय उपस्थित होकर समस्त स्टाफ का आभार व्यक्त किया गया। जिसमें शिकायतकर्ता धर्मेन्द्र पुत्र बदन निवासी सौरम थाना नन्दगंज, वापस करायी गयी कुल धनराशि रू.171514.00, सुबाष यादव पुत्र श्रीनाथ यादव निवासी बेलवा रसूलपुर देवकठीया थाना जंगीपुर, वापस करायी गयी कुल धनराशि रू.40476.00 तथा सुशान्त श्रीवास्तव पुत्र विवेकानन्द निवासी ददरी घाट थाना कोतवाली, वापस करायी गयी कुल धनराशि रू.6000.00 थी।

वही आवेदक सत्येन्द्र चौहान पुत्र सुदामा चौहान निवासी रायपुर पो0 पाण्डेपुर राधे थाना-मरदह जनपद गाजीपुर के द्वारा अपनी शिकायत में बताया गया कि उनकी बहन सुमित्रा चौहान के खातें से कुल-रूपये 760000.00 की अवैध ट्रांजेक्शन होने की  शिकायत पर प्रभारी साइबर सेल उ0नि0 वैभव मिश्रा मय टीम के प्रकरण का अध्ययन कर अवैध ट्रांजेक्शन जिन पेमेंट गेटवे के माध्यम से हुए थे, संबंधित कम्पनी/मर्चेन्ट को जरियें मेल पत्राचार कर एवम् दूरभाष पर सम्पर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन रोकन एवं ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रदान करने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण की। जिसके फलस्वरुप आवेदक की कुल गाढ़ी कमाई  को खातें वापस कराया गया। अपनी मेहनत की कमाई पुनः प्राप्त होने पर आवेदक द्वारा साइबर कार्यालय उपस्थित होकर समस्त स्टाफ का आभार व्यक्त किया गया।
ऐसे बनाए जाते है शिकार
साइबर ठगों द्वारा लोगों को फोन और ईमेल करके किसी को लाटरी लगने का मैसेज, किसी को फोन करके उसका बैंक अकाउण्ट हैक होने व कार्ड बंद होने का डर दिखाकर जानकारी कर लेतें हैं, किसी को एनीडेस्क एप डाउनलोड करवाकर ठगी का शिकार बना लेतें हैं। धनराशि वापस कराने वाली टीम में उ0नि0 वैभव मिश्रा प्रभारी साइबर सेल, का0 मुकेश कुमार साइबर सेल, का0 राजकुमार साइबर सेल, का0 विकास श्रीवास्तव साइबर सेल, का0 शिव प्रकाश यादव साइबर सेल, म0 का0 प्रतिभा शुक्ला मौजूद रही।

सावधानीयां ➢
➢ कभी किसी मेसेंज पर विश्वास नही करे।
➢ बैंक के सबंध में कोई भी मेसेज प्राप्त होने पर बैंक जाकर ही जानकारी प्राप्त करें।
➢ फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशों का पालन कतई नही करे।
➢ अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मिडिया पर शेयर नही करे।
➢फेसबुक या अन्य किसी सोशल मिडिया पर अनजान लोगों के साथ विडियो कॉलिंग न करें।
➢ अज्ञात स्रोत से प्राप्त किसी भी प्रकार के लिंक या क्यूआर कोड पर क्लिक/स्कैन ना करें।
➢ रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, क्विक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल नही करे।
➢ पैसे की प्राप्ती करने हेतु कभी भी एम0पिन या यू0पी0आइ0 पिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है।