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रामलीला मैदान: पुलिस की भूमिका पर उठ रहा सवाल

जमानियां (गाजीपुर)। स्थानीय रामलीला मैदान की विवादित जमीन पर रविवार की शाम पुलिस द्वारा जेसीबी से कराया जा रहा नीव खुदाई का कार्य नगर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और पूरे प्रकरण को एक साजिश के रूप में देखा जा रहा है।

नगर के लोगों एवं जय प्रकाश गुप्ता की पत्नी गीता देवी कि माने तो प्रभारी निरीक्षक द्वारा साजिश के तहत मनोनीत सभासद एवं प्राचीन रामलीला समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश गुप्ता को जेल भेजा गया ताकि रामलीला की जमीन सहित शिव मंदिर परिसर कि जमीन पर कब्जा कराया जा सकें। लेकिन उनके इस मंसूबे को नगर के लोगों ने विफल कर दिया। जिससे पुलिस महकमे की खूब किरकिरी हो रही है और क्षेत्र के लोग प्रभारी निरीक्षक से नाराज है। नगर के लोगों का कहना है कि प्रभारी निरीक्षक द्वारा रामलीला समिति के अध्यक्ष को जेल भेजने के बाद बडी चालाकी से नये रामलीला के पदाधिकारियों का गठन कर दिया गया। जिसमें अध्यक्ष मुन्ना गुप्ता को बनाया गया। जिसके एक दिन बाद ही जब तहसील के पास स्थित रामलीला की जमीन पर जेसीबी चलने लगी तो नगर के लोगों के पैर के नीचे से जमीन खिसक गई और पूरा प्रकरण सभी के समझ में आ गया। जिसके बाद बडी संख्या में लोग तहसील के पास स्थित रामलीला मैदान पहुंचे और फिर कोतवाली पर धमक गए। ज्ञात हो कि रामलीला की जमीन का विवाद ज्यादा दिन से चला आ रहा है। न्यायालय ने आदेशानुसार इस जमीन पर दो दिन रामलीला होगा।

मनोनीत सभासद ने जताई थी फर्जी मुकदमे में फंसाने की आशंका
मनोनीत सभासद एवं प्राचीन रामलीला समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश गुप्ता ने पूर्व में कई बार अधिकारियों को रामलीला की जमीन पर कब्जा करने की नियत से फर्जी मुकदमे में फसाने सहित हत्या होने की आशंका जताते हुए पत्रक सौंपा था।

भाजपा के कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधिकारियों सहित प्रभारी मंत्री को भी सौंपा था पत्रक
भाजपा के मंडल अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि कार्यकर्ताओं द्वारा अधिकारियों को कई बार पत्रक सौंपकर भाजपा के ही कार्यकर्ताओं को परेशान करने सहित फसाने की बात कही थी। इसके साथ ही उनके द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त होने का भी आरोप लगाया था। जिस पर प्रभारी मंत्री ने यहां तक कह दिया था कि हमें कोतवाल चाहिए किसी विधायक की पत्नी नहीं।