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समाज में सत्य, न्याय व धर्म की स्थापना बगैर जीव का कल्याण नही-संत दयाराम दास

जमानियाँ(गाजीपुर)। जनपद के वाजिदपुर गांव में शिव धाम कुंड वारी दुर्गा पूजा समिति के तत्वाधान में आयोजित मानव धर्म प्रसार प्रवर्तन समाजसेवी संस्था का प्रथम वार्षिक सम्मेलन तीसरे दिन सद्गुरु संत गंगाराम महाराज के द्वारा स्थापित मानव एक जाति मानवता उसका धर्म की चर्चा करते हुए संत दयाराम दास ने कहा कि सत्य न्याय धर्म पर रामचरितमानस आधारित है।

इसकी स्थापना हेतु ही प्रभु राम ने अयोध्या को त्याग कर वन गमन किया चारों भाइयों द्वारा किए गए त्याग के बल पर ही वे पूजनीय हो गए। आगे उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा हेतु ही राजा हरिश्चंद्र दधीचि शिवी आदि ने नाना प्रकार के कष्ट सहे लेकिन सत्य न्याय धर्म का परित्याग नहीं किया। समाज में सत्य न्याय धर्म की स्थापना बगैर जीव का कल्याण होने वाला नहीं है। संत गंगाराम दास महाराज हमेशा निचले तबके के लोगों के लिए चिंतित रहा करते थे कि पैसे वाले तो न्याय पा जाएंगे लेकिन इन लोगों को न्याय कौन दिलाएगा इसलिए हर गांव में मानव धर्म की स्थापना कर हर एक समस्या का निदान गांव में ही करने का सुझाव देते रहें। सम्मेलन की अध्यक्षता विंध्याचल गुप्त ने किया इस अवसर पर रासबिहारी एवं राम आशीष संतोष कवि अंबिका राजेश दास नंदलाल यादव आदि ने अपने विचार रखे कार्यक्रम के आयोजक राजेंद्र राम राजेंद्र भारद्वाज रहे। लोगों के प्रति आभार व्यक्त की मंच का संचालन जयप्रकाश ने किया रात्रि में आदर्श रामलीला का मंचन किया गया जिसमें भगवान राम पिता से आज्ञा लेकर बन के लिए प्रस्थान किए किए रामलीला में राम गमन की झांकी देख कर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।