ग़ाज़ीपुर (28 दिसम्बर 22)। बाल स्वास्थ्य पोषण माह जिसके अंतर्गत 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक से आच्छादित किया जाता है। जिसका शुभारंभ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हाथीखाना पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बच्चे को विटामिन ए की खुराक पिलाकर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष दो चरणों में 6 माह के अंतराल पर विटामिन ए संपूर्णन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। कार्यक्रम में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक से आच्छादित किया जाता है। विटामिन ए एक वसा में घुलनशील विटामिन है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक दिए जाने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है और वह स्वस्थ एवं पोषित रहते हैं।
उन्होंने बताया कि 9 माह से 12 माह के बच्चों को नियमित टीकाकरण सत्र के दौरान एम आर के प्रथम टीके के साथ आधा चम्मच विटामिन ए की खुराक देनी चाहिए। 16 से 24 माह के बच्चों को नियमित टीकाकरण के दौरान एम आर के दूसरे टीके के साथ पूरा एक चम्मच एवं 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को 6 माह के अंतराल पर विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम के दौरान पूरा एक चम्मच विटामिन ए की खुराक पिलाए जाने से बच्चे स्वस्थ एवं पोषित रहते हैं।
विटामिन ए का सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़िया रहती है। यह रतौंधी से भी बचाता है। खाने में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए शामिल करने से बढ़ती उम्र में कमजोर होने वाली आंखों की रोशनी भी ठीक रहती है। विटामिन ए खाने में शामिल करने से बॉडी का रोग प्रतिरक्षा तंत्र भी बेहतर होता है। इससे बॉडी को कई तरह के रोगों और वायरस से लड़ने के लिए मजबूती मिलती है। विटामिन ए आपकी स्किन के लिए भी वरदान की तरह है. यह सूजन कम करता है और मुहांसों की समस्या भी इससे दूर होती है. विटामिन ए से सेल को विकसित होने में मदद मिलती है. इससे बालों की ग्रोथ और नाखून की ग्रोथ भी बेहतर होती है।
इस कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ विनय शंकर, चाय के मणिशंकर के साथ ही कई अन्य लोग मौजूद रहे।