जमानियाँ (गाजीपुर)। दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज गंगा विलास को शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली हरी झंडी दिखा कर वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ तक के लिए रवाना किया।
स्थानीय कस्बा बाजार स्थित जमदग्नि- परशुराम घाट (बलुआ घाट) पर गंगा विलाश क्रूज का स्वागत करने लिए सुबह से ही प्रशासन व स्थानीय लोग उत्साहित थे। शाम के समय क्रूज के आने की सूचना मिलते ही लोग जमदग्नि-परशुराम घाट पर इक्कठा हो गये लेकिन क्रूज करीब 6:30 चक्काबांध में आकर रुक गया। क्रूज के रुकने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमला चक्काबांध रवाना हो गया।
पौराणिक मान्यता के अनुसार राजा भागीरथ माॅ गंगा को लेकर चले थे तो उनके रथ का पहिया चक्काबांध में धस गया था, इसलिए इस स्थान का नाम चक्काबांध पड़ा। तब उन्हें यमदग्नि ऋषि के आश्रम के पास से गुजरना पड़ा था। आज जब क्रूज विदेशी पर्यटको को लेकर वाराणसी से चला तो चक्काबांध आकर रुक गया। इस सम्बंध में तहसीलदार लाल जी विश्वकर्मा ने बताया कि रात हो जाने के कारण क्रूज चक्काबांध रुक गया है। सुबह होते ही अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जायेगा।
ज्ञात हो यह भव्य और दिव्य रिवर क्रूज स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटकों के साथ वाराणसी से बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक करीब 3200 किलोमीटर की यात्रा 51 दिनों में पूरी करेगा। यात्रा में 27 नदियों के साथ 50 पर्यटक स्थल जुड़ेंगे।