गहमर (गाजीपुर)। लोगो को फाइलेरिया और मलेरिया रोग से मुक्त करने के उद्देश्य से जिला फाइलेरिया और मलेरिया उन्मूलन विभाग के द्वारा स्थानीय सी एच सी पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य लोगो को फाइलेरिया और मलेरिया से मुक्ति दिलाना है। प्रशिक्षण का आयोजन फाइलेरिया इंस्पेक्टर डॉ सुनील कुमार गौड़ और अशोक कुमार मौर्य बायोलॉजिस्ट की मौजूदगी में प्रशिक्षित किया गया।
इस सम्बन्ध में फाइलेरिया इंस्पेक्टर डॉ सुनील कुमार में बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आगामी पीढ़ी को फाइलेरिया और मलेरिया से मुक्त बनाना है। इसी क्रम में आज भदौरा सी एच सी पर स्वास्थ्यकर्मियों का एक दिवसीय प्रक्षिक्षण शिविर का आयोजन कर उनको जानकारी दी गई । फाइलेरिया रोग पर उन्होंने बताया कि लिंफेटिक फाइलेरिया एक परजीवी के द्वारा होने वाला रोग है, लिंफेटिक फाइलेरियासिस वाउचेरिया ब्रेक पटाई तथा ब्रुगिया मलाई नामक निमेटोड के कारण होता है। फाईलेरिएसिस के दौरान शुरुआत में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
लेकिन परजीवी द्वारा मनुष्य के लिंफेटिक सिस्टम को धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त कर देता है। शुरुआत में कोई लक्षण दिखाई ना देने के कारण मनुष्य के रक्त में माइक्रोफाइलेरिया है या नहीं इसका पता नहीं चल पाता है। किसी इंसान के शरीर मे माइक्रोफाइलेरिया से संक्रमित होने के बाद शुरुआत में बुखार तथा प्रभावित शरीर के भाग का लालिमा युक्त होना, प्रारंभिक लक्षण में आता है। वहीं 6 से 8 वर्ष के बाद प्रभावित भाग में सूजन आना शुरू होता है। यह सूजन लिम्फ नोड के आकार में वृद्धि होने के कारण होता है। गंभीर हाथी पांव रोगी की सूजन कम नहीं हो सकती क्योंकि मरीज का लिंफेटिक तंत्र क्षतिग्रस्त हो चुका रहता है।
उक्त अवसर पर डॉ धनंजय आनन्द, संजय सिंह, पुर्नवासी राम, संदीप राय, अमित कुमार, अमजद खान आदि स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।