नगसर (गाजीपुर)। स्थानीय क्षेत्र के न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगसर स्टेशन पर पिछले दो वर्षों से किसी डॉक्टर की तैनाती नही होने से क्षेत्रीय ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है। दर्जनों गांवों के मध्य मात्र एक स्वास्थ्य केंद्र है जंहा गरीब मजदूरों व गांव के असहाय लोगो को दवा व उचित इलाज मिलता है लेकिन डॉक्टर के अभाव मे लोग उचित इलाज नही करवा पा रहे हैं।
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और समाजसेवी लोग सिर्फ मौखिक बात करके जनता को भ्रमित करने और निजी कार्यो की पूर्ति में ही लगे हैं ग्रामीणों का यह आरोप है कि सिर्फ वार्डबॉय और स्वीपर के भरोसे ही यह अस्पताल टिका हुआ है लेकिन डॉक्टर के अभाव में उचित इलाज नही मिल पा रहा है।अगर जल्दी ही डॉक्टर की तैनाती नही किया गया तो क्षेत्रीय ग्रामीण धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व स्वास्थ्य विभाग की होगी।
विशुनपुरा निवासी वीरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की मनमानी और सरकार की स्वास्थ्य के प्रति घोर लापरवाही से ग्रामीण जनता कराह रही है और जनप्रतिनिधियों सहित सरकार की कोई भी व्यवस्था ग्रामीण स्तर पर नही दिख रही है अवन्ति निवासी राजेन्द्र का कहना है कि दो साल से अधिक समय से प्रसव केंद्र भी बन्द होने व डॉक्टर की तैनाती नही होने से क्षेत्रीय महिलाओं को सुदूर यात्रा करके शहरों में जाना पड़ रहा है जिसमे कभी कभी कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है और अनहोनी का डर बना रहता है।नगसर निवासी गुड्डू राम का कहना है कि डॉक्टरों की तैनाती नही होने से आमजन को उचित इलाज नही मिल पा रहा है।
क्षेत्रीय ग्रामीणों का आरोप है कि एक ओर सरकार सड़क और स्वास्थ्य के प्रति बहुत बढ़िया व्यवस्था करने का डंका पीट रही है वंही इस पूरे क्षेत्र में सड़क और स्वास्थ्य के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति किया जा रहा है अस्पताल में दो वर्षों से कोई डॉक्टर है न प्रसव केंद्र खुल रहा है यह खराब स्वास्थ्य व्यवस्था सरकार के मुंह पर तमाचा है।
रेवतीपुर के प्रभारी डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि पूरे क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी है जिससे तैनाती नही हो पा रही है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर हरिगोबिन्द सिंह ने बताया कि यह समस्या ऊपर से ही है सबको पता है लेकिन दवा व डॉक्टर का अभाव है जिससे यह समस्या बना हुआ है इसमे हमारे बस में कुछ भी नही है।