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उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए सहायक होगा बजट-डॉ.अनिल कुमार सिंह

गाजीपुर। बजट उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए होगा, यह बजट 1 ट्रिलियन इकोनॉमी के लिये नींव साबित होगा। उक्त बाते पूर्व प्राचार्य हिंदू पी.जी.कॉलेज डॉ.अनिल कुमार सिंह ने बजट के सम्बन्ध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा।

पूर्व प्राचार्य हिन्दू पीजी कालेज डॉ अनिल कुमार सिंह

श्री सिंह ने कहा कि आज का बजट 6 लाख 90 हजार से ज्यादा का है, 2016-17 में करीब 3 लाख 40 हजार के आसपास था। बनारस समेत पूर्वांचल के हिस्से में भी बजट में बहुत कुछ है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, मेट्रो रेल सेवा, रोप वे, महाकुंभ पर मद, कुटीर एवं लघु उद्योग पर लगभग 20 हजार करोड़ के मद का आवंटन किया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री सड़क योजना और आवास योजना पर भी पूर्वांचल के अधिकांश हिस्सा लाभान्वित होंगे। हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन हेतु यूनिटी माल स्थापित करने की बात कही गयी है। इन‌सबसे पूर्वांचल के युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना बढ़ गई है।

पूर्व प्राचार्य हिन्दू पीजी कालेज प्रो० शरद कुमार

उत्तर प्रदेश बजट पर अपनी त्वरित टिप्पणी देते हुए हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय जमानियां के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष प्रो.शरद कुमार ने कहा कि इस बजट में आत्मनिर्भरता की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए जिसकी तारीफ की जानी चाहिए।
पूर्वांचल आर्थिक संघ के अध्यक्ष प्रो.कुमार ने वित्तमंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पेश किये गये बजट पर टिप्पणी देते हुए कहा कि इसमें प्रदेश के हर वर्ग को राहत देने का प्रयास किया है।किसान,युवा वर्ग, महिला,जनस्वास्थ्य,शिक्षा, इंफ्रास्ट्रचर,ग्रामीण विकास पर बजट में उचित स्थान मिलना शुभ है। प्रो.कुमार ने बताया की उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए बजट में हर सम्भव प्रयास किये गये हैं।उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था की रफ़्तार को बनाये रखने पर जोर दिया है,जो आवश्यक ही नहीं अनिवार्य भी था।प्रो.कुमार ने कहा कि इसी बात को केन्द्र में रखकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे व बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे कुल 6 स्थानों पर बिजनेस संकुल बनाये जाने का निर्णय लिया गया है।युवाओं को मजबूत करने के लिए लैपटॉप और स्मार्टफोन पर 3600 करोड़ रुपये का बजट का प्रविधान है।डार्क जोन में निजी नलकूप कनेक्शन की पाबंदी को हटा लिया गया है।मुख्यमंत्री कन्या सुमंगल योजना के तहत वर्ष 2023- 24 के लिए 1050 करोड़ का प्रावधान है।वित्तमंत्री ने बेरोजगारी को समाप्त करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिससे बेरोजगारी कम की जा सके,यह चिंता का विषय है।इतना ही नहीं मजबूत सामाजिक सुरक्षा का भी बजट में अभाव दिखता है।बेरोजगारों की आर्थिक सुरक्षा पर बजट बढ़ाया जाना चाहिए था,जो नहीं हो सका। अभी असंगठित क्षेत्र को मजबूत करने के लिए और अधिक धन के आवंटन की आवश्यकता थी जिस पर सरकार को आगे विचार करना ही होगा।स्वास्थ्य महकमे पर पहले से अधिक बजट निर्धारित करना शुभ संकेत है। वित्तमंत्री ने उद्योग विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया है क्योंकि इसके बढ़ने से यूपी के आर्थिक विकास की दर बढ़ने में मदद होगी। मिर्जापुर, मुरादाबाद व देवीपाटन में तीन विश्वविद्यालाय की स्थापना का निर्णय बड़ा फैसला है।बजट में रोजगार वृद्धि कृषि व किसान हितों का ध्यान रखा जाना,बुनियादी ढांचे की मजबूती,उद्योग कारोबार की गतिशीलता,रोजगार के नए अवसर,महगाई नियंत्रण,नई मांग का निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं और डिजिटल शिक्षा का विकास,मध्य वर्ग, महिला,युवा और वरिष्ठ नागरिकों की उम्मीदें इस बजट से पूरी होती दिख रही है।