गाजीपुर 25 अप्रैल, 2023 (सू0वि0)। महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 में आन्तरिक शिकायत समितियों की स्थापना तथा समिति के गठन की सूचना उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने समस्त कार्यलयाध्यक्ष को निर्देशित कर बताया है कि उ0प्र0 राज्य महिला आयोग के पत्र दिनांक 15.02.2023 को विभागों/कार्यालयों/निगमों / संस्थानों / निकायों / उपकमो / परिषदों / बोर्ड में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रख्यापित महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के प्राविधानों का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु आन्तरिक परिवाद समिति का गठन व मजबूती सुनिश्चित करने का निर्देश प्राप्त हुआ है। साथ ही अवगत करान है कि विषयांकित मा० उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका सं० 1224/2017 विचाराधीन है। महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के धारा-4 के अन्तर्गत आन्तरिक परिवाद समिति की संरचना का विवरण निम्नवत इस प्रकार है जिसमें किसी कार्यालय का प्रत्येक नियोजक, लिखित आदेश द्वारा, आन्तरिक परिवाद समिति नामक एक समिति का गठन करेगा, परंतु जहा कार्यस्थल के कार्यालय या प्रशासनिक यूनिटें भिन्न-भिन्न स्थानों या खंड या उपखंड स्तर पर अवस्थित है, वहाँ आंतरिक समिति सभी प्रशासनिक यूनिटों या कार्यालयों में गठित की जायेगी। आंतरिक समिति, नियोजक द्वारा नाम निर्देशित किए जाने वाले निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर बनेगी, एक पीठासीन अधिकारी, जो कर्मचारियों में से कार्यस्थल पर ज्येष्ठ स्तर पर नियोजित महिला होगी परन्तु किसी ज्येष्ठ स्तर की महिला कर्मचारी के उपलब्ध नहीं होने की दशा में, पीठासीन अधिकार, उपधारा (1) में निर्दिष्ट कार्यस्थल के अन्य कार्यालयों या प्रशासनिक यूनिटों से नाम निर्देशित किया जायेगा परन्तु यह और कि कार्यस्थल के अन्य कार्यालयों या प्रशासनिक यूनिटों में ज्येष्ठ स्तर की महिला कर्मचारी नहीं होने की दशा में पीठासीन अधिकारी, उसी नियोजक या अन्य विभाग या संगठन के किसी अन्य कार्यस्थल से नाम निर्दिष्टि किया जायेगा। कर्मचारियों में से दो से अन्यून ऐसे सदस्य, जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति अधिमानी रुप से प्रतिबद्ध है या जिनके पास सामाजिक कार्य में अनुभव है या विधिक ज्ञान है, गैर सरकारी संगठनों या संगमों में से ऐसा एक सदस्य जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध है या ऐसा कोई व्यक्ति जो लैंगिक उत्पीड़न से सम्बन्धित मुद्दों से सुपरिचित है। परन्तु इस प्रकार नाम निर्देशित कुल सदस्यों में से कम से कम आधे सदस्य महिलायें होंगी, आंतरिक समिति का पीठासीन अधिकारी और प्रत्येक सदस्य अपने नाम निर्देशन की तारीख से 03 वर्ष से अनधिक की ऐसी अवधि के लिए पद धारण करेगा जो नियोजक द्वारा विनिर्दिष्ट की जाए। उपरोक्त के अनुपालन में आन्तरिक परिवाद समिति का अपने कार्यालय में गठन तत्काल कराते हुए प्रत्येक माह लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी सूचना व वर्ष 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट भी जिला प्रोबेशन अधिकारी गाजीपुर को भेजना सुनिश्चित करेगें।
आन्तरिक परिवाद समिति नामक एक समिति का किया जायेगा गठन
- by ब्यूरो