जमानियां (गाजीपुर)। जमदग्नि ऋषि की तपोभूमि के रूप में ख्यातिलब्ध व उत्तर वाहिनी मां गंगा के तट पर स्थित जमानियां बहुत ही दिलचस्प है। नगर पालिका परिषद दो भाग जमानिया और जमानियां स्टेशन में बंटा हुआ है। जिसके बीच में बडेसर ग्राम पंचायत पड़ता है। नगर पालिका घोषित होने से पूर्व इसके मदन बनारस के नाम से जाना जाता था। जो आज भी सरकारी अभिलेखों में दर्ज है।
आजादी के 38 वर्ष बाद शासन ने 15 अगस्त 1985 को जमानिया को नगर पालिका घोषित किया। जिसके बाद से शुरुआती दौर में तत्कालीन जिलाधिकारी को यहां का प्रशासक नियुक्त किया गया। जिनका कार्यकाल लगभग तीन वर्षों का रहा। इमरजेंसी के बाद पहली बार नगर पालिका के अध्यक्ष पद के चुनाव में 6 दिसंबर 1988 को ओंकार नाथ यादव जीत हासिल की दुसरे स्थान पर डॉ जफर रहे। जिनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद महिला सीट पर हुए चुनाव में शल्वा जरीन 2 दिसंबर 1995 में जीत कर आई‚ दूसरे स्थान पर पुष्पा यादव रही। उनका कार्यकाल अविश्वास प्रस्ताव के कारण ढाई वर्ष का रहा और उन्हें त्यागपत्र देना पडा। कार्यवाहक के रूप में जाहिद सिद्दीकी उर्फ पाशा कि नियुक्ति 23 मार्च 1998 को हुई । जिसके बाद हुए चुनाव में ओंकार नाथ यादव की पत्नी कुसुम यादव ढाई वर्ष के लिए अध्यक्ष पद पर काबिज हुई। सन 2000 में अनिल कुमार गुप्ता की जीत दर्ज की दूसरे स्थान पर हबीउर्रहमान रहे। जिसके बाद वर्ष 2006 के चुनाव में नगर के लोगों ने भरोसा जताते हुए अनिल कुमार गुप्ता को फिर से सत्ता सौंपी‚ दूसरे स्थान पर ओंकार नाथ यादव रहे। सन 2012 में महिला सीट पर अनिल कुमार गुप्त की पत्नी चन्द्रकला ने नगर पालिका परिषद की बागडोर संभाली। सन 2017 के चुनाव में बसपा के प्रत्याशी रहे एहसान जफर ने मैदान मार कर सत्ता पर काबिज हुए‚ दूसरे स्थान पर भाजपा के प्रत्याशी संतोष वर्मा रहे। इस बार के चुनाव में 11 प्रत्याशी ने अध्यक्ष पद के चुनाव लडा। जिसमें भाजपा के प्रत्याशी जयप्रकाश गुप्ता को 6291 मिले जब कि निर्दल प्रत्याशी अनिल गुप्ता को 2769 पा कर दुसरे स्थान पर रहे। पूर्व नपा अध्यक्ष एहसान जफर चौथे स्थान पर पहुंच गये।
अब तक हुए चुनाव में जयप्रकाश ने सर्वाधिक मतों से हराया
सर्वाधिक मत पाकर भाजपा के प्रत्याशी जयप्रकाश गुप्ता ने 3522 मतो से निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय प्रत्याशी अनिल गुप्ता को हराया। जो अब तक के नगर पालिका चुनाव में सर्वाधिक है। वर्ष 2000 में हुए चुनाव में अनिल कुमार गुप्ता ने सर्वाधिक 2500 मतो से हबीउर्रहमान को हराया था। जिसके बाद या पहले किसी ने इतने फासले के साथ नहीं शिकस्त दी थी।