जमानियां (गाजीपुर)। नगर पालिका के मनोनीत सभासद एवं रामलीला समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश गुप्ता पर प्रशासन ने जितना डंडा चलाया उतना ही जयप्रकाश निखरता चला गया। नपा के चुनाव में जनता ने अपना विश्वास दिखाते हुए जयप्रकाश को प्रतिनिधि चुन लिया।
समाजसेवी एवं नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की समस्या के लिए लगातार संघर्ष करने वाले जयप्रकाश को गोकशी में संरक्षण देने के आरोप में पहले तत्कालीन प्रभारी निरीक्षण वंदना सिंह ने जेल भेज दिया। जिसके बाद रामलीला की जमीन पर तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक द्वारा कराये जा रहे नीव की खुदाई ने जयप्रकाश के प्रति नगर के लोगों में और अधिक हमदर्दी पैदा कर दी। अक्टूबर माह 2022 में जब वे जेल से जमानत पर बाहर आये तो उन्हें गैंगस्टर लगा कर पुनः जेल भेजा गया। जिसके बाद जयप्रकाश का माहौल बन गया और जय प्रकाश के समर्थकों ने “मैं ही जयप्रकाश हूँ ” नाम से जेल में बंद जयप्रकाश का फोटो युक्त एक पोस्टर छपवा कर फिजा को अपनी ओर मोड़ दिया। 25 जनवरी 2023 को जब जयप्रकाश बाहर आया तो नगर के लोगों द्वारा भव्य स्वागत कर संदेश दे दिया कि प्रशासन की कार्रवाई गलत है। जितना प्रशासन ने उसे तोड़ने का प्रयास किया वह उतना ही मजबूत होता चला गया। शायद यही कारण था कि नगर के लोगों ने अब तक के नगर पालिका चुनाव में सर्वाधिक मतो से जयप्रकाश को विजयी बनाया। इतना ही नही उनका विरोध करने वालों को बाहर का रास्ता भी दिखा दिया।