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प्लास्टिक के प्रयोग से बचें-प्रो.अहमद अली

जमानियां (गाजीपुर)। स्टेशन बाजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सिंगल यूज पालीथिन के पर्यावरणीय दुष्प्रभाव विषय पर गोष्ठी में अपने विचार रखते हुए शिब्ली नेशनल पी.जी.कॉलेज आजमगढ़ के प्रोफेसर अहमद अली ने कहा कि प्रकृति अनादि काल से मानव की सहचरी रही है,लेकिन मानव ने अपने भौतिक सुखों एवं इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रकृति के साथ निरंतर खिलवाड़ किया है और वर्तमान में अपनी सभी सीमाएं लांघ गया है। इसका एक खतरनाक नमूना है पालीथिन का अंधाधुंध उपयोग इस कदर बढ़ा है जैसे इसके बिना उसकी जिंदगी अधूरी है।

रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ.अरुण कुमार ने चेताया कि प्लास्टिक सामग्री में मुख्य रूप से थर्मोप्लास्टिक एवं थर्मोसेटिंग पालिमर वर्गीकृत किया जाता है।वस्तुत:पालीथिन का विघटन नहीं हो पाता।
भूगोल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर राम लखन यादव ने पालीथिन बैग के हानिकारक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए पशु पक्षियों एवं मानव जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि हमें कपड़े के थैलों का प्रयोग करना होगा। गोष्ठी का संयोजन भूगोल विभाग द्वारा किया गया। प्राचार्य प्रो.अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री ने सभी को सिंगल यूज पालीथिन न प्रयोग करने की शपथ दिलाई। गोष्ठी में डॉ.मातेश्वरी प्रसाद सिंह, डॉ.अरुण कुमार सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर सौरभ कुमार सिंह एवं निलेश कुमार डॉ अमित कुमार सिंह, बलिराम सिंह, कमलेश प्रसाद आदि मौजूद रहे।