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योग,ध्यान और प्राणायाम जीवनोपयोगी-पूर्व प्राचार्य डॉ.अनिल कुमार सिंह

जमानियां (गाजीपुर)। स्टेशन बाजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रो.अरुण कुमार के संयोजकत्त्व में मानव जीवन में योग की उपादेयता विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया।

वेबिनार के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ.अनिल कुमार सिंह ने कहा कि तन मन की सक्रियता हेतु योग ध्यान और प्राणायाम हमारे लिए अपरिहार्य है।उन्होंने आगे कहा कि योग स्वस्थ जीवन जीने की कला है जिसका उद्देश्य शारीरिक परेशानियों से निवृत्ति के साथ आत्मज्ञान की प्राप्ति है।नियमित योग करने से हमें अच्छी नींद आती है और हमारा शरीर स्वस्थ सुंदर और कांति युक्त बना रहता है।योग से शांति एवं आनंद तो मिलता ही है इससे मस्तिष्क एकाग्रचित्त होकर काम करता है और हमें आनंदानुभूति होती है।

पूर्व प्राचार्य डॉ.अनिल कुमार सिंह

कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन करते हुए सहयोगी एनसीसी अधिकारी कैप्टन डॉ अंगद प्रसाद तिवारी ने योग के ऐतिहासिक,सामाजिक एवं व्यहारिक पक्ष पर विस्तार से जानकारी देते हुए वेबिनार से जुड़े सभी सदस्यों से नियमित योगाभ्यास की अपील की। वेबिनार के सह संयोजक एवं इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ.संजय कुमार सिंह ने योग से निरोग रहने वाली उक्तियों को उद्धृत करते हुए यह सिद्ध किया कि इसकी उपादेयता स्वयं सिद्ध है। हिंदी विभाग के सहायक आचार्य बिपिन कुमार एवं अभिषेक तिवारी अर्थशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ.जितेंद्र कुमार सिंह समाजशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ.अरुण कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में योग की उपादेयता को प्रमाणित करते हुए सभी से अनिवार्य योगा करने हेतु सम्बद्ध लोगों को प्रेरित किया।
वेबिनार की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री ने की तथा सफल संचालन कार्यक्रम के संयोजक प्रो.अरुण कुमार ने किया।जिसमें प्रो शरद कुमार, डॉ उर्वशी दत्ता, खुश्बू तिवारी, शिवकुमार, रेशमा, सपना, अन्नू आदि मौजूद रहीं।