गाजीपुर 28 जून, 2023 (सू0वि0)। किसान भाई संचारी रोगों के निदान हेतु चूहे / छछूंदर का नियंत्रण करें। विगत वर्षों की भांति वर्ष 2023 में भी संचारी रोगो की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु 01.07. 2023 से 31.07.2023 तक (द्वितीय चरण) के सफल क्रियान्यवन हेतु 28.06.2023 को विभाग के सभी क्षेत्रीय कार्मिकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कृषि भवन के सभागार में आयोजित किया गया।
उप कृषि निदेशक अतीन्द्र सिंह ने समस्त क्षेत्रिय कर्मचारियों को चूहे एवं छछूंदर के माध्यम से फैलने वाले रोगों से अवगत कराया, उन्होने कहा कि यह कार्य विना जन सामान्य के सहयोग से सम्भव नही है। सभी कर्मचारी अपनी-अपनी न्याय पंचायत में किसानों के सहयोग से चूहो को नियंत्रित करें एवं मच्छररोधी पौधे जैसे लेवेण्डर, नीम, तुलसी, लेमनग्रास व गेंदा का पौधा लगाने के लिए प्रचार प्रसार करें। संचारी रोगों की रोक-थाम एवं नियंत्रण हेतु जागरूकता पर बल देते हुए कृषकों/जनसामान्य को चूहा/छछूंदर के नियंत्रण के लिए प्रेरित किया जाय। संचारी रोगों के प्रसार के लिए चूहा एवं छछूंदर भी उत्तरदायी है, जिसके रोकथाम के लिए घरों में ब्रोमोडियोलान 0.005 प्रतिशत के बने चारे की 10 ग्राम मात्रा प्रत्येक जिन्दा बिल में रखने, जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत की 1.0 ग्राम मात्रा को सरसो के तेल एवं 48 ग्राम भुने चने से बनाये गये चारे को बिल में रखने पर उसे खाकर चूहे मर जाते है एवं एल्यूमिनियम फास्फाइड 56 प्रतिशत की 3 से 4 ग्राम की मात्रा को बिल में डालकर बिल को बन्द कर देने से उससे निकलने वाली फास्फीन गैस से भी चूहे मर जाते है। प्रशिक्षण में जिला कृषि अधिकारी, गाजीपुर, मृत्युन्जय कुमार सिंह, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, सदर सचिन कुमार मिश्रा एवं अंकित कुमार सिह प्रभारी वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-ए, अशोक कुमार वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-बी (कृ०र०) संचारी रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के सम्बन्ध में अपना-अपना मत रखे। कृषि वैज्ञानिक डा० धमेन्द्र सिह ने बताया की चूहो एवं छछूंदर की आदतों के बारे में जानकारी होने पर ही किसान अपनी फसल व स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकते है। कृषि वैज्ञानिक डा० ओमकार सिह ने बताया की किसान अपने अनाज भंडार के लिए लोहे की बखारी का उपयोग करें जिससे चूहो एवं छछूंदर का नियन्त्रण किया जा सकें।