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सदस्यता में वृद्धि हेतु अभियान संचालित किये जाने के निर्देश मुख्यालय स्तर से प्राप्त

गाजीपुर 26 अगस्त, 2023 (सू0वि0)। जनपद में कार्यरत बहु-उद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समितियों (बी-पैक्स) की सदस्यता में वृद्धि हेतु अभियान संचालित किये जाने के निर्देश मुख्यालय स्तर से प्राप्त हुए है।

इस सम्बन्ध मे जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने अपील करते हुए बताया है कि वर्तमान में केन्द्र सरकार जनपद में नवगठित सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से सहकारी समितियों में अनेक प्रकार की नवोन्मेषी क्रियात्मक गतिविधियाँ संचालित हो रही हैं, तथा इस हेतु भी बी-पैक्स के सदस्यों तथा समिति के कार्यक्षेत्र में अधिवासित कास्तकारों को इन क्रियात्मक गतिविधियों से अवगत कराने के साथ ही सहकारी समितियों की सदस्यता ग्रहण करने से उनको प्राप्त होने वाले लाभों के विषय में जानकारी प्रदान करना आवश्यक एवं समीचीन दृष्टिगत हो रहा है, ताकि सहकारी समिति से संचालित सभी प्रकार की क्रियात्मक गतिविधियों एवं सहकारी समिति की सदस्यता ग्रहण करने से अर्जित लाभों के विषय में कास्तकार / ग्रामीण क्षेत्र के किसान भली-भाँति भिज्ञ हो जायें तथा जागरूक हो जायें एवं सहकारी समितियों की सदस्यता ग्रहण करने हेतु प्रेरित हों इससे बुनियादी स्तर पर सहकारिता आन्दोलन को बल मिलेगा, जो भारत सरकार की नीति तथा मंतब्य के अनुरूप है। उक्त के अतिरिक्त प्रमुख सचिव, सहकारिता, उ०प्र० शासन लखनऊ के माध्यम से सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार के गठन के उपरान्त सहकारिता विभाग में संचालित समस्त नवोन्मेषी तथा परम्परागत गतिविधियों से अवगत कराते हुए इन गतिविधियों के विकास हेतु जिला स्तरीय शीर्ष प्राधिकारियों से उनके सुझाव प्रेषित किये जाने हेतु अनुरोध पत्र निर्गत किया गया है, अतः सहकारी समितियों की सदस्यता अभियान को सफल बनाये जाने हेतु एवं केन्द्र सरकार के स्तर पर सहकारिता मंत्रालय के गठन के उपरान्त सहकारी समितियों से संचालित नवाचार/नवोन्मेषी गतिविधियों से जनपद के कास्तकारों को सहकारी समिति की सदस्यता से अर्जित लाभों की विन्दुवार विवरण निम्नलिखित है। सहकारी समितियाँ अल्पकालीन कृषि आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु 3 प्रतिशत के रियायती, साधारण ब्याज दर पर कास्तकारों को ऋण उपलब्ध कराती है, जबकि वाणिज्यिक बैंकों में सहकारी समितियों के बानिस्पत 4 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज दर पर कृषि ऋण वितरित किया जाता है। सहकारी समितियों के माध्यम से अल्पकालीन कृषि आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ऋण लेना कास्तकारों के हितों के अनुकूल है। सहकारी समिति से संचालित योजनाओं का सम्यक लाभ लिये जाने हेतु समिति का सदस्य होना आवश्यक है, जिसमें न्यूनतम 200.00रू0 का अंश क्रय किया जाना आवश्यक है। सहकारी समिति से ऋण प्राप्त करने के लिये जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा विभिन्न फसलों के लिये पृथक-पृथक निर्धारित वित्तमान एवं कृषक द्वारा धारित कृषि योग्य भूमि के ऑकलन के अनुसार ऋण प्रदान किये जाने की सुविधा उपलब्ध है। प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से सहकारी कृषकों के क्रेडिट कार्ड योजना दिसम्बर 1999 से लागू है। यह ऋण सदस्यों को फसल तैयार करने हेतु नकद एवं वस्तु के रूप में किसान क्रेडिट कार्ड योजनान्तर्गत उपलब्ध कराया जाता है, जिसके अन्तर्गत समिति के सदस्य समिति से अपनी निर्धारित ऋण सीमा के अन्तर्गत कृषि कार्य हेतु जब भी चाहें तथा जितनी बार चाहें ऋण ले सकते है तथा अपनी सुविधा अनुसार ऋण वापस कर सकते है। सहकारी समितियाँ कृषकों को गुणवत्ता पूर्ण उर्वरक तथा कृषि रक्षा रसायन उचित मूल्य पर प्रदान करती है। सहकारी समितियों से इफको तथा कृभको के उर्वरक वितरित होते है जिनकी साख तथा विश्वसनीयता हमेशा से असंदिग्ध रही है। सहकारी समिति के सदस्यों को उर्वरक तथा कृषि रक्षा रसायन उपलब्ध कराने में समिति सदस्यों को वरीयता/प्राथमिकता दी जायेगी। अतः सहकारी समितियों की सदस्यता ग्रहण करना पूर्णतया कास्तकारों के हितों के अनुकूल है। सहकारी समितियाँ कृषकों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप उच्च गुणवत्ता–पूर्ण बीज उपलब्ध कराती है। सहकारी समितियाँ कृषक भाईयों की कृषि उपज का खरीद करने वाली सबसे महत्वपूर्ण इकाई है। यहाँ ध्यातव्य है कि अन्य विभाग (एफ०सी०आई० खाद्य तथा रसद विभाग) के क्रय केन्द्र जहाँ शहरी तथा कस्बाई  क्षेत्रों में स्थित रहते है, वहीं सहकारी समितियों के क्रय केन्द्र दूर-दराज के सुदूर अंचलों में स्थित ग्रामीण क्षेत्रों के कास्तकारों के कृषि उपजों का विपणन करके उन्हे न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना से लाभन्वित करती है। अतः इसकी सदस्यता ग्रहण करना प्रत्येक प्रकार से लाभप्रद है। केन्द्र में सहकारिता मंत्रालय के गठन के उपरान्त सहकारी समितियों द्वारा कॉमन सर्विस सेन्टर का संचालन किया जा रहा है, जहाँ से कृषकों को सभी प्रकार की शासकीय योजनाओं का लाभ प्राप्त होगा एवं शासकीय नीतियों तथा कार्यक्रमों से सम्बन्धित जानकारी भी किसान भाईयों को समितियों से प्राप्त होगी । सहकारी समितियों के माध्यम से जन-औषधि केन्द्रों की स्थापना तथा संचालन की प्रक्रिया प्रगति में है, जिसके उपरान्त सहकारी समितियॉ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे में सुधार हेतु अत्यधिक उपयोगी योगदान देगी। ग्रामीण क्षेत्र के कास्तकार तथा सहकारी समितियों के सदस्य प्रधान मंत्री जन-औषधि केन्द्रों से रियायती दरों पर जीवन रक्षक एवं दैनिक उपयोग की औषधियाँ प्राप्त कर पायेंगें । सहकारी समितियों के माध्यम से विश्व की सबसे बड़ी भण्डारण योजना विकसित करने की केन्द्र सरकार की योजना सम्प्रति प्रगति में है। सहकारी समितियों के गोदामों का डब्लू.डी.आर.ए. में पंजीकरण भी कराया जा रहा है। अतः ग्रामीण क्षेत्र के कास्तकार अपनी कृषि उपजों का वैज्ञानिक तथा सुरक्षित भण्डारण समितियों के गोदामों में कर पाने में सक्षम हो जायेगें ।  सहकारी समितियॉ एफ.पी.ओ./ एफ.पी.सी. से सम्बद्ध होकर एफ.पी.ओ./ एफ.पी.सी. के कामकाज को सुगम बनाने एवं कृषि उपजों के भण्डारण, विपणन,खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी तथा मत्स्य जैसी गतिविधियों के विकास हेतु भी अपनी अमूल्य योगदान प्रदान करने में सक्षम है। सहकारी समितियों द्वारा उप-केन्द्रों की स्थापना के माध्यम से समस्त ग्रामीण क्षेत्र को लाभदायक कृषि निवेश उपलब्ध कराने एवं ग्रामीण क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार किये जाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया जा रहा है। अतः शासन की मंशा तथा नीति के अनुरूप उक्त सभी लाभों के परिप्रेक्ष्य में जनपद के समस्त किसान भाईयों एवं सहकारिता में रूचि रखने वाले अन्य प्रबुद्ध-जनों से हम सार्वजनिक अपील करते है कि 200.00 रू0 का न्यूनतम अंश क्रय करके अधिकाधिक संख्या में अपनी निकटवर्ती समिति का सदस्य बनने का कष्ट करें। आप के इस कार्य से सहकारिता आन्दोलन को बल मिलेगा, सहकारिता को अधिक उपयोगी और सशक्त बनाया जा सकेगा एवं सहकार से समृद्धि की केन्द्र सरकार की योजना को मूर्तरूप में स्थापित करने में बहुमूल्य सहयोग प्राप्त होगा।