गाजीपुर ।संचारी व मच्छर जनित रोगों की रोकथाम तथा नियंत्रण के लिए विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान तीन अक्टूबर से संचालित किया जा रहा है। इसके साथ ही 16 अक्टूबर से घर-घर दस्तक अभियान के तहत स्रोत विनष्टीकरण, बुखार, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) लक्षण सहित टीबी, कुष्ठ आदि संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित किया जा रहा है। अभियान की लगातार मॉनिटरिंग व समीक्षा की जा रही है। इस क्रम में बुधवार को वाराणसी मण्डल की अपर निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ मंजुला सिंह ने सभी चारों जनपद के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नोडल अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, सहायक मलेरिया अधिकारी एवं वेक्टर बोर्न डिसीज़ (वीबीडी) स्टाफ के साथ वर्चुअल बैठक की।
अपर निदेशक ने बताया कि बैठक में मण्डल स्तरीय जनपदों की संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत अभी तक की गई कार्यवाई, दस्तक अभियान के दौरान की जाने वाली कार्यवाई, तथा वर्तमान में व्याप्त डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण के लिए की जा रही निरोधात्मक गतिविधियों के बारे में गहन समीक्षा की गई। इसके साथ ही विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों, ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की स्थिति, डेंगू आधारित जन जागरूक गतिविधियों, फोगिंग मशीन, एंटी लार्वा पम्प व दवाओं की उपलब्धता, घरेलू ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) तथा नियमित डाटा फीडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी ली गई।
बैठक में वाराणसी सहित चंदौली, गाज़ीपुर, जौनपुर के जिला मलेरिया अधिकारी ने अवगत कराया कि वेक्टर बोर्न डिसीज़ के समस्त कर्मियों एवं आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वह ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। बुखार आदि से ग्रसित मरीजों को चिन्हित कर उन्हें जांच के लिए प्रेरित कर रहे हैं। साथ ही घर पर पोस्टर आदि भी चस्पा कर रहे हैं। इसके अलावा प्रतिदिन शाम को मॉनिटरिंग व समीक्षा बैठक भी जा रही है।
इस दौरान अपर निदेशक ने समस्त अधिकारियों व स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देशित किया कि डेंगू आधारित गतिविधियों ज़ोर दिया जाए। कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर ध्यान दिया जाए। चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों को लगातार ट्रैक किया जाए। नगर निगम व नगर पालिका तथा जिला पंचायत से समन्वय स्थापित कर डेंगू निरोधात्मक कार्यवाई पर और गहन कार्य योजना बनाई जाए। इन बीमारियों को लेकर निगरानी बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाए। डेंगू के साथ अन्य वेक्टर जनित रोगों जैसे चिकनगुनिया, मलेरिया, फाइलेरिया, स्क्रब टायफस, लेप्टो स्पाइरोसिस आदि लक्षण वाले व्यक्तियों की भी जांच पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा जनमानस में इन रोगों से बचाव के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार आदि पर ज्यादा से ज्यादा ज़ोर दिया जाए।
अपील – अपर निदेशक ने अपील की है कि संचारी व मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए पूरे वर्ष अभियान चलना चाहिए। सभी अपने घरों के आसपास साफ-सफाई रखें, झाड़ियां न उगने दें, जलजमाव न की स्थिति पैदा होने दें, रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल या लार्वा रोधी रसायन डालें, कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, कोई भी बुखार का लक्षण दिखे तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच एवं इलाज़ कराएं। झोलाछाप डॉक्टर से बचें। बाहर के दूषित भोजन पानी का सेवन न करें। उन्होंने ‘हर रविवार मच्छर पर वार, खत्म करेंगे डेंगू, मलेरिया बुखार’ का संदेश दिया।
इस दौरान मंडलीय नोडल अधिकारी (वीबीडी) व संयुक्त निदेशक डॉ जीसी द्विवेदी, मंडलीय एंटोमोलोजिस्ट डॉ अमित कुमार सिंह मौजूद रहे।