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जर्जर भवन में चल रहा अस्पताल

जमानिया। क्षेत्र में मवेशियों के इलाज के लिए नगर स्थित पशु अस्पताल मौजूद हैं। लेकिन पशु अस्पताल में करीब छ माह से चिकित्सकों की तैनाती नहीं की गई। यहां पर फार्मासिस्ट एवं प्राईवेट कर्मचरियों के भरोसे अस्पताल चल रहा है। चिकित्सकों के न मिलने से पशुपालकों को निजी अस्पतालों से इलाज कराना पड़ता है। ऐसे में पशु पालकों की जेब ढीली हो रही है। नगर के पशु अस्पताल में एक पशु चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट व एक चपरासी की तैनाती होनी चाहिए। लेकिन बीते छः से अस्पताल में पशु चिकित्सकों की तैनाती नहीं की गई और अस्पताल में करीब एक वर्ष से अधिक समय से चपरासी भी नहीं है। जबकि इस पशु चिकित्सालय पर क्षेत्र के बड़ी आबादी निभर है। अस्पताल में चिकित्सकों की तैनाती न होने से पशुओं का इलाज सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। पशुपालकों की शिकायत करे तो किससे करे। मजबूरन निजी अस्पतालों पर इलाज कराना पड़ रहा है। इसके बाद भी पशु चिकित्सकों की तैनाती नहीं की गई।

जर्जर भवन में चल रहा अस्पताल। पशुपालन विभाग के अधिकारियों की मानें तो नगर पालिका में बने भवन दशकों पूराने है। चाहर दिवारी टूटी हुई है। अब अस्पताल का भवन जर्जर हो गया है। इसकी वजह से वहां पर बैठने वाले फार्मासिस्ट परेशान होती है। शिकायत के बाद भी अस्पताल भवन की मरम्मत नहीं कराई गई। चिकित्सक की तैनाती न होने से परेशानी हो रही है।
फार्मासिस्ट बृजेश जायसवाल