गाजीपुर। किसान भाई संचारी रोगों के निदान हेतु चूहे / छछूंदर का नियन्त्रण करे । विगत वर्षाे की भाति वर्ष 2024 में संचारी रोगो की रोगथाम एवं नियन्त्रण हेतु दिनांक 01.04.2024 से 30.04.2024 तक (प्रथम चरण) के सफल क्रियान्वयन हेतु आज दिनांक 28.03.2024 को विभाग के सभी क्षेत्रीय कार्मिक का एक दिवसीय प्रशिक्षण कृषि भवन सभागार में आयोजित किया गया उप कृषि निदेशक गाजीपुर अतीन्द्र सिहं ने क्षेत्रीय कर्मचारियो को चूहे एवं छचुंदर के माध्यम से फैलने वाले रोगो से अवगत कराया उन्होंने कहा कि यह कार्य विना जनसामान्य के सहयोग के बिना सम्भव नही है। सभी कर्मचारी अपनी-अपनी न्यायपंचायत में छोटी-छोटी गोष्ठिया कर किसानों को चूहा एवं छछूंदर को नियन्त्रित करें एवं मच्छररोधी जैसे लेवेण्डर नीम तुलसी लेमनग्रास व गेंदा का पौधा लगाने के प्रचार-प्रसार करे। संचारी रोगों की रोगथाम एवं नियन्त्रण हेतु जागरूकता पर बल देते हुए कृषको / जनसामान्य को चूहे / छछूंदर का नियन्त्रण के लिए प्रेरित किया जाय। संचारी रोगों के प्रसार के लिए चूहा एवं छछूंदर भी उतरदायी है, जिसके रोगथाम के लिए घरों में ब्रोमोडियोलॉन 0.005 प्रति0 के बने चारे की 10 ग्राम मात्रा प्रत्येक जिन्दा बिल में रखने, जिंक फॉस्फाइड की मात्रा 80 प्रति० की 1.0 ग्राम की मात्रा को सरसों के तेल में एवं 48 ग्राम भूने हुए चने से बनाये गये चारे को बिल में रखने से चूहे खाकर मर जाते है, एवं एल्यूमिनियम फास्फाइन्ड 56 प्रतिशत की 3 से 4 ग्राम की मात्रा को बिल में डालकर बिल को बन्द कर देने से उससे निकलने वाली फास्फीन गैस से भी चूहे मर जाते है, प्रशिक्षण में जिला कृषि अधिकारी, उमेश कुमार, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, सदर सचिन कुमार मिश्रा एवं अंकित कुमार सिह प्रभारी वरिष्ट प्राविधिक सहायक ग्रुप-ए अशोक कुमार वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-बी (कृ०र0) संचारी रोगो की रोगथाम एवं नियन्त्रण के सम्बन्ध में अपना-अपना मत रखे कृषि वैज्ञानिक डा० धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि चहे छछूंदर की आदतो के बारे में जानकारी होने पर ही किसान अपनी फसल व स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकते हैं कृषि वैज्ञानिक डा० ओमकार सिंह ने बताया कि किसान अपने अनाज भण्डार के लिए लोहे की बरखारी का उपयोग करें जिससे छछूदंर का नियन्त्रण किया जा सकें।