जमानियां। हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,जमानियां द्वारा कारगिल विजय दिवस (रजत जयंती महोत्सव) के तहत 91 यूपी बटालियन एनसीसी मुगलसराय चंदौली के प्रशासनिक अधिकारी कर्नल नारायण सिंह के निर्देशानुसार आयोजित हुए त्रि दिवसीय कार्यक्रम, जिसके प्रथम दिन वृक्षारोपण, द्वितीय दिन पोस्टर चार्ट मेकिंग तथा तृतीय एवं अंतिम दिन पर कारगिल के युद्ध में अपना सर्वस्व बलिदान ज्ञापित कर चुके भारत मां के वीर सपूतों के लिए कैंडल मार्च निकालकर आज कार्यक्रम का समापान सेमिनार हाल में मौजूद सभी गणमान्यों के बीच हुआ। उक्त अवसर पर कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बयां करते हुए एनओ अंगद प्रसाद तिवारी ने आज के दिन के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि “तलवारे सोती है जहां बंद म्यानों में, किस्मते सड़ती है वहां तहखानों में ,शोणित के बदले अश्रु जहां बहता है, वह देश कभी स्वाधीन नहीं रहता है”।। हम स्वाधीन हैं क्यूंकि 3 मई 1999 से लेकर
26 जुलाई 1999 तक कारगिल की बर्फीली चोटियों पर हमने इतना खून बहाया कि भारत मां का आंचल आज तक लाल है। कारगिल की बर्फीली चोटियों पर एक-एक मिलीग्राम ऑक्सीजन के लिए तरसते हुए भी कुछ जांबाजों ने अपने हाथों से बंदूके नहीं गिरने दी तभी हम और आप आज खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। ये वह लोग हैं जिन्होंने अपने बाहुबल की ज्वाला पर झूठी शांतिप्रियता का पानी नहीं फिरने दिया। जब दुश्मन का टैंक सरहद लांघकर अंदर आ गया तो गाड़ दी संगीने छातियों में उतार दिया हिंदुस्तानी गोलियों का लोहा दुश्मन के बदन में ना घबराए, ना डरें बस मारे और मरे। आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि जिसके मस्तक पर रक्त का तिलक ना लगा हो उस जवानी का हक अदा नहीं होता। इसलिए हमे सदैव अपने शहीद जवानों का बलिदान याद रखना होगा, तभी देश स्वाधीन रह सकेगा।
आगे कार्यक्रम का संचालन कर रहे हिंदी के सहायक प्रोफेसर अभिषेक तिवारी ने अनुशासन के बारे में बताते हुए कहा कि एनसीसी का एकमात्र मोटा ही एकता और अनुशासन है चूंकि अनुशासित वह एकता के सूत्र में बंधु युवाओं से ही देश का भविष्य सुरक्षित है अनुशासन हमारे बेहतर चरित्र का निर्माण करता है। आगे उन्होंने कैडेट्स से कहा कि आप भाग्यशाली हैं की एनसीसी जैसे दृढ़ संकल्पित संगठन से जुड़ने का सुनहरा अवसर आपको मिला। आप सब इसका पूरा लाभ लें और जो कुछ चीजे आपको सिखाई जा रही हैं, उसे पूरी लगन के साथ सीखें। अंत में बी परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके कैडेट्स को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई।