गाजीपुर । सपा सांसद अफजाल अंसारी की सजा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दी है। भाजपा नेता कृष्णानंद राय हत्याकांड में गाजीपुर MP/MLA कोर्ट ने अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई थी। इससे अफजाल की सांसदी चली गई थी।
बीते गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। अफजाल ने कोर्ट से सजा रद्द करने की मांग की थी, जबकि कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय और सरकार ने सजा बढ़ाने की अपील की थी। हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है। ज्ञातव्य 2005 के तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट लगा था । गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को अफजाल को गैंगस्टर एक्ट के मामले में दोषी करार देते हुए चार साल की जेल और एक लाख रूपये जुर्माना लगाया था। इस मामले में उनके छोटे भाई मुख्तार अंसारी को भी दस साल की जेल की संजा सुनाई थी।
इसके बाद अफजाल को सासंद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अफजाल ने हाईकोर्ट में अपराधिक अपील दायर की थी। बता दें कि 24 जुलाई 2023 को हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी को जमानत दे दी थी। लेकिन मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था । जिससे अफजाल को जेल से रिहा कर दिया गया , लेकिन उनकी संसद सदस्यता बहाल नहीं हुई थी। इसके अलावा,वह भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए। क्योंकि उन्हें दी गई सजा दो साल से अधिक थी । हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी , जिसकी वजह से उनकी सदस्यता बहाल हो गई और वह लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए योग्य हो गये। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को सुनवाई में तेजी लाने और 30 जून तक मामले का फैसला करने का निर्देश भी दिया था ।रद्द कर दी है। भाजपा नेता कृष्णानंद राय हत्याकांड में गाजीपुर MP/MLA कोर्ट ने अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई थी। इससे अफजाल की सांसदी चली गई थी। बीते गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। अफजाल ने कोर्ट से सजा रद्द करने की मांग की थी, जबकि कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय और सरकार ने सजा बढ़ाने की अपील की थी। हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है। ज्ञातव्य 2005 के तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट लगा था । गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को अफजाल को गैंगस्टर एक्ट के मामले में दोषी करार देते हुए चार साल की जेल और एक लाख रूपये जुर्माना लगाया था। इस मामले में उनके छोटे भाई मुख्तार अंसारी को भी दस साल की जेल की संजा सुनाई थी । इसके बाद अफजाल को सासंद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अफजाल ने हाईकोर्ट में अपराधिक अपील दायर की थी।बता दें कि 24 जुलाई 2023 को हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी को जमानत दे दी थी। लेकिन मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था । जिससे अफजाल को जेल से रिहा कर दिया गया , लेकिन उनकी संसद सदस्यता बहाल नहीं हुई थी। इसके अलावा,वह भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए। क्योंकि उन्हें दी गई सजा दो साल से अधिक थी । हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी , जिसकी वजह से उनकी सदस्यता बहाल हो गई और वह लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए योग्य हो गये। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को सुनवाई में तेजी लाने और 30 जून तक मामले का फैसला करने का निर्देश भी दिया था ।