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फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है, इसको रोकने का एकमात्र उपाय है बचाव

गाजीपुर। जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 अगस्त से दो सितम्बर तक सर्वजन दवा सेवन यानि एमडीए अभियान के तहत लोगों को घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया गया। जो परिवार व लाभार्थी किन्हीं कारणों से दवा खाने से छूट गए हैं या जिन्होंने इन्कार किया है, उनके लिए मॉप अप राउंड 09 व 10 सितम्बर को चलाया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ देश दीपक पाल ने कहा कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है। इसको रोकने के लिए बचाव ही एकमात्र उपाय है। इसलिए वर्ष में एक बार चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन (एमडीए) अभियान के तहत फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें। पाँच साल तक लगातार व साल में एक बार यह दवा खाने से फाइलेरिया संक्रमण से बचा सकता है। फाइलेरिया किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। यह न तो अमीर देखता है और न गरीब। इसलिए भ्रम न पालें और दवा का सेवन जरूर करें। वेक्टर बॉर्न डिजीज कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ जेएन सिंह ने कहा कि यह दवा एक वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को खानी है। गर्भवती, एक वर्ष से छोटे बच्चे और गंभीर रूप से बीमार लोगों को इस दवा का सेवन नहीं करना है। यह दवा फाइलेरिया से आपको सुरक्षा प्रदान करेगी।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) मनोज कुमार ने बताया कि एमडीए अभियान के तहत पिछले 10 दिनों में लक्ष्य के सापेक्ष 30 लाख से अधिक लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया जा चुका है। अभियान के तहत प्रचार-प्रसार पर बेहद ज़ोर दिया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि करीब 87 प्रतिशत आबादी को कवर किया जा चुका है। मॉप अप राउंड में इसको 90 प्रतिशत तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा। जिन ब्लाकों का कवरेज 85 प्रतिशत से कम है, वहाँ अधिक ज़ोर दिया जाएगा।

फाइलेरिया के लक्षण – फाइलेरिया वाहक क्यूलेक्स मच्छर के काटने के बाद व्यक्ति को बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं। अचानक बुखार आना (आमतौर पर बुखार दो से तीन दिन में ठीक हो जाता है), हाथ-पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, स्नोफीलिया, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा हो जाना, पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन होना, पुरुषों के अंडकोष व महिलाओं के स्तन में सूजन आना फाइलेरिया के लक्षण हैं।
प्रतिकूल प्रभाव से न घबराएँ – एमडीए अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराते हैं। दवा खाली पेट नहीं खानी है। दवा खाने के बाद किसी-किसी को जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आना, सिर दर्द, खुजली की शिकायत हो सकती है, ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने से हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं। ऐसी प्रतिक्रिया कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है। यदि यह समस्या बनी रहती है तो रैपिड रिस्पांस टीम या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
बचाव- घर के आस-पास पानी, कूड़ा और गंदगी जमा न होने दें। घर में भी कूलर, गमलों अथवा अन्य चीजों में पानी न जमा होने दें। सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि किसी को फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं तो वह घबराएं नहीं। विभागीय स्तर पर मरीज का पूरा उपचार होता है। इसलिए लक्षण नजर आते ही सीधे सरकारी अस्पताल जाएं।