जमानिया (गाजीपुर)। ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मुस्लिम कमेटी की ओर से इस्तकबाल ए माह ए रबी उल अव्वल की आमद की खुशी में कानूनगो मोहल्ला स्थित मदरसा रजाए हबीब की सहन जश्ने ईद मिलादुन नबी की तैयारी को लेकर हर्षोल्लास देखने को मिला। इस दौरान जुलूस मोहम्मदी निकाली गई जिसमें सैकड़ो मुस्लिम बुजुर्ग, नौजवान अपने हाथों में मोहम्मदी झंडा लेकर गगनचुंबी नारों के साथ, साथ-साथ चलते नजर आए। विभिन्न इलाकों में जैसे मोहम्मदी जुलूस पहुंचा वहा मौजूद लोगों द्वारा गर्मजोशी के साथ उसका इस्तकबाल किया गया और सभी का शिरनी के साथ मुंह मीठा कराया गया।
मौलाना जैनुलाबदीन ने आले नबी के अव्वल पर तकरीर पेश करते हुए कहा कि माहे रबी अव्वल इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना है इस महीने की 12 तारीख को पैगंबर इस्लाम हज़रत मोहम्मद को अल्लाह ताला ने दुनिया में भेजा था। आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि जब रसूले पाक दुनिया में तशरीफ लाएं तो उस वक्त स्थिति बहुत अलग थी, हर तरफ बुराई का मंजर फैला हुआ था, अच्छाई का नामो निशान तक नही था, रसूले पाक सिर्फ इस्लाम के मानने वालों के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोगों के लिए पैगंबर का रूप धारण करके अच्छाई का रास्ता दिखाने के लिए आए थे । उन्होंने गरीबों, कमजोरों के साथ अच्छा बर्ताव करने की बात कही थी। ईद मिलादुन्नबी के मौके पर जुलूस ए मोहम्मदी हर्षोल्लाह के साथ निकाला गया। सुबह 8:00 बजे निकले जुलूस में बुद्धिपुर ,पठान टोली, चौधरी मोहल्ला, कुरैशी मोहल्ला, अंसारियन मोहल्ला, सुब्हानटोली के सैकड़ो मुसलमान इस जुलूस में शामिल हुए। इस दौरान एसडीएम अभिषेक कुमार, क्षेत्राधिकारी अनूप कुमार सिंह, कोतवाली प्रभारी आशेष नाथ सिंह, रविकांत सिंह द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से कड़े प्रबंध किए गए। पूर्व सभासद सलीम अहमद ने अपने मोहल्ले में संपूर्ण जुलूस को शिरनि बटवाई।
नगर पालिका परिषद रोड से होते हुए यह जुलूस एनएच 24 सड़क से वापस लौटकर मदरसा रजाई हबीब सहन पहुंचा तत्पश्चात फातिहा ख्वानी आयोजित हुई।
मौलाना तनवीर राजा ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद ने जो रास्ता हमें बताया है उस पर चलकर हम केवल इस दुनिया में ही नही बल्कि उस आखिरत की दुनिया में भी कामयाब हो सकते हैं। उक्त अवसर पर सुरक्षा की दृष्टि से जगह-जगह पर पुलिसकर्मियों की सख्त तैनाती प्रशासन द्वारा की गई थी।
इस अवसर पर मौलाना जैनुल्लाबदीन, तनवीर रजा, सलीम अहमद पूर्व सभासद, नेसार खान, सज्जाद खा, शहजाद, प्रिंस खलीफा , अकील खुरैशी, असलम, नेहाल मंसूरी आदि समेत सैकड़ो मुस्लिम बंधु शामिल रहे।