Skip to content

जनपद न्यायाधीश द्वारा चिकित्सा शिविर का किया गया शुभारंभ

गाजीपुर।  माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली से प्राप्त निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर के तत्वाधान में दिनांक 14 सितम्बर, 2024 को राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया गया तथा हिन्दी दिवस भी मनाया गया। इस अवसर पर माननीय जनपद न्यायाधीश द्वारा एक चिकित्सा शिविर का शुभारम्भ किया गया तथा दिव्यांगजनो हेतु 05 ट्राई साईकिल, 02 व्हिल चेयर एवं 01 बच्चे को कान की मशीन के साथ सभी दिव्यांगजनो को एक-एक शाल एवं फूड पैकेट वितरित किया गया। इस अवसर पर श्री धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेयए जनपद न्यायाधीश द्वारा मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप-प्रज्ज्वलित कर लोक अदालत का उद्घाटन किया गया तथा माननीय महोदय द्वारा लोक अदालत के सफलता हेतु सभी अधिकारियों को अधिक से अधिक निस्तारण हेतु प्रोत्साहित किया गया तथा हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर सभी को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी।
श्री राकेश कुमार.टप्प् नोडल अधिकारी, लोक अदालत गाजीपुर एवं श्री विजय कुमार- प्ट, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव पूर्णकालिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर, द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण हेतु नियत वादों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। इस अवसर पर सचिव ने बताया कि लोक अदालत से न्याय के क्षेत्र में क्रान्ति आई है और लोगो में विधिक जागरूकता भी बढ़ी हैं। उनके द्वारा माननीय जनपद न्यायाधीश के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रचार प्रसार हेतु किये गये प्रयासों के बारे में संक्षेप में जानकारी दी गयी तथा सामान्य अदालत एवं लोक अदालत में अन्तर को विस्तार से बताया गया। इस अवसर पर श्री धमेन्द्र कुमार पाण्डेयए जनपद न्यायाधीश गाजीपुर, श्री संजय हरी शुक्ला, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण गाजीपुर, श्री अखिलेश कुमार पाठक, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय गाजीपुर, श्री शक्ती सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष सं0-01 गाजीपुर, श्री अलख कुमारए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एस0सी0/एस0टी0, गाजीपुर एवं श्री स्वप्न आनंद, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी गाजीपुर एवं अन्य न्यायिक अधिकारीगण तथा अध्यक्ष व महासचिव, सिविल बार एसोसिएशन, गाजीपुर व न्यायालय के कर्मचारीगण उपस्थित हुए। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 109846 मामले निस्तारण हेतु नियत किये गये थे, जिसमें से सुलह समझौतें एवं संस्वीकृति के आधार पर कुल 104867 वाद अंतिम रूप से निस्तारित किये गये।