जमानियां ( गाजीपुर)। स्टेशन बाजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग एवं युवा खेल मंत्रालय के निर्देशानुसार राष्ट्रीय सेवा योजना के बैनर तले “यातायात जागरूकता अभियान” के अन्तर्गत महाविद्यालय के सेमिनार हाल में गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
“संघर्षों के साए में इतिहास हमारा पलता है , जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है।” कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ संजय कुमार सिंह ने छात्र छत्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यातायात के नियमों की जानकारी एवं उसका पालन करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होता है। वहीं अपनी बात रखते हुए हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री ने बताया कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा विकसित देशों से कई गुना अधिक है। छात्र-छात्राओं को यातायात के नियमों के अनुपालन करने के लिए कहा कि सड़क पर दुर्घटनाओं का शिकार अधिकतर युवा वर्ग के छात्र छात्रा होते हैं। जो जाने अनजाने में यातायात के नियमों की अवहेलना करते हैं। हमें इस आकडे़ को कम करने की आवश्यकता है। प्राचार्य डॉ. श्रीनिवास सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि महाविद्यालय प्रशासन यातायात जागरूकता में युवा छात्र- छात्राओं को मुख्यधारा में लाकर प्रशासन के साथ है। आगे के वक्तव्य में उन्होने कहा कि परिजनों को हेलमेट पहनकर या सीट बेल्ट लगाकर ही वाहन चलाने के लिये प्रेरित करना चाहिये। अब प्रश्न यह उठता है कि “यातायात सुरक्षा अभियान” जैसे गंभीर पहलू के लिए खेल मंत्रालय द्वारा एनएसएस व एनसीसी कैडेट्स से ही शुरुआत करने का चुनाव क्यों किया गया?
एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) भारत का एक अर्धसैनिक संगठन है, जिसे युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, नागरिक जिम्मेदारी और समाज सेवा की भावना विकसित करने के लिए स्थापित किया गया है। इसकी स्थापना 1948 में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को सैन्य प्रशिक्षण देना और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना है। वहीं दूसरी ओर बात करें एनएसएस की तो एनएसएस (NSS) का पूरा नाम “राष्ट्रीय सेवा योजना” है। यह एक ऐसी पहल है जो भारतीय युवाओं को सामाजिक सेवा और राष्ट्र निर्माण के प्रति जागरूक और समर्पित करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इसे भारतीय युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है। एनएसएस का उद्देश्य छात्रों को सामाजिक कार्यों में भागीदारी की भावना विकसित करना, उनका समग्र व्यक्तित्व विकास करना, और उन्हें समाज के विभिन्न मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाना है।
जमानियां चौकी से अतिथि स्वरूप पधारे दरोगा राजेश सिंह ने छात्र छात्राओं के बीच जाकर यातायात और सड़क सुरक्षा संबंधी मोटर व्हीकल एक्ट के महत्वपूर्ण बिन्दुओं से अवगत कराया तथा आपातकालीन परिस्थिति में आवश्यक संपर्क सूत्र उपलब्ध करवाए। छात्राओं को जागरूक करते हुये बताया कि जीवन की रक्षा के लिए यातायात के नियम और सड़क सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल पुरुषों की नहीं बल्कि महिलाओं की भी है, अपने समस्त नियमों के अनुपालन से स्थितियों में सुधार होगा। युवाओं के लिए यातायात जागरूकता अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह न केवल उनके जीवन की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, बल्कि यह समाज में जिम्मेदारी और अनुशासन की भावना को भी बढ़ावा देता है। सैकड़ों कारणों से यह जागरूकता युवाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है:
युवाओं का ड्राइविंग में सक्रिय होना: अधिकांश युवा ड्राइविंग की शुरुआत करते हैं और यह उनकी पहली स्वतंत्रता का अनुभव होता है। अगर वे यातायात नियमों का पालन करना सीखते हैं, तो दुर्घटनाओं और सड़क सुरक्षा के मुद्दों में कमी आ सकती है। तेज़ गति और लापरवाही: युवा अक्सर तेज़ गति से गाड़ी चलाने या लापरवाही से सड़क पर चलने के लिए प्रवृत्त होते हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं। यदि उन्हें यातायात नियमों के बारे में समय रहते जागरूक किया जाए, तो वे जिम्मेदार ड्राइविंग की आदतें विकसित कर सकते हैं।आधुनिक तकनीकी माध्यमों का उपयोग: आजकल मोबाइल फोन, सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। इन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल कर यातायात जागरूकता अभियानों को फैलाना और अधिक प्रभावी हो सकता है। इसके जरिए युवाओं को यातायात नियमों के बारे में शिक्षा दी जा सकती है।सड़क सुरक्षा पर असर: अगर युवा सड़क सुरक्षा के महत्व को समझते हैं, तो वे न केवल अपने लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी सुरक्षित सड़कें बनाए रखने में योगदान कर सकते हैं। यह भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने में मदद करेगा। प्रेरणा का स्रोत बनना: जब युवा यातायात नियमों का पालन करते हैं और सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देते हैं, तो वे दूसरों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं, विशेष रूप से छोटे बच्चों और किशोरों के लिए, जो उन्हें आदर्श नागरिक बनाते हैं। उक्त कथनों से यह तो साबित हो गया कि यातायात सुरक्षा अभियान सर्वाधिक युवाओं के लिए ही आवश्यक है और हो भी क्यों न, आखिर देश की आबादी का 60% हिस्सा युवा वर्ग ही तो है। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ अभिषेक तिवारी ने किया वहीं धन्यवाद ज्ञापन आंतरिक गुणवक्ता प्रकोष्ठ प्रभारी प्रो. अरुण कुमार ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के एनसीसी प्रभारी डॉ अंगद प्रसाद तिवारी ,डॉ जितेन्द्र कुमार , दीवान गोवर्धन प्रसाद समेत समस्त एनसीसी कैडेट्स व एनएसएस के छात्र-छात्रा मौजूद रहे।