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आपकी बात का असर उसकी गहराई पर निर्भर करता है, लाउडस्पीकर की आवाज़ पर नहीं ,अतः इसका उपयोग आवाज़ बढ़ाने के लिए करें, शांति भंग करने के लिए नहीं

गाज़ीपुर।  पुलिस अधीक्षक द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य में लाउडस्पीकरों/ध्वनि प्रसारक यंत्रों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश प्राप्त हुए हैं। इस फैसले का प्रमुख उद्देश्य ये है कि ध्वनि प्रदूषण से वातावरण सुरक्षित किया जा सके। चूंकि लाउडस्पीकर के उपयोग से कई प्रकार की हानियां हो सकती हैं जैसे कि: ध्वनि प्रदूषण लाउडस्पीकर का अत्यधिक उपयोग ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है। इससे आसपास के लोगों को सिरदर्द, तनाव, और मानसिक अशांति हो सकती है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव:

तेज आवाज सुनने से सुनने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। यह बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर अधिक नकारात्मक प्रभाव डालता है।

शैक्षणिक और कार्य क्षेत्र पर प्रभाव:

शोर के कारण बच्चों की पढ़ाई और कामकाजी लोगों के ध्यान में बाधा आती है। परीक्षा के समय या कार्यालय के आसपास लाउडस्पीकर का उपयोग समस्या उत्पन्न करता है।

प्राकृतिक पर्यावरण पर प्रभाव:

पक्षियों और जानवरों के लिए तेज आवाज तनावपूर्ण होती है। उनके प्राकृतिक व्यवहार और प्रजनन चक्र पर बुरा असर पड़ता है।

सामाजिक समस्याएं:

लाउडस्पीकर के अत्यधिक और अनुचित उपयोग से समाज में झगड़े और विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में इसका अनुचित प्रयोग दूसरों की स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकता है।

प्रभावित स्थानों हेतु निर्देश

धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकर हटाना और सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकर के उपयोग की सीमा तय करना।

निरीक्षण:                                                       

इसके  अनुपालन में पुलिस अधीक्षक  द्वारा थाना कोतवाली क्षेत्रांतर्गत साप्ताहिक समीक्षा के क्रम में चेकिंग अभियान चलाया गया। जिसमें महोदय द्वारा सार्वजनिक स्थानों , धार्मिक स्थलों इत्यादि पर लाउडस्पीकर /ध्वनि प्रसारक यंत्रों के उपयोग की सीमाएं चेक की गई जिन्हें नियमानुसार /मानक के अनुरूप रखने की हिदायत दी गई ।

उपस्थित गणमान्य:

अपर पुलिस अधीक्षक नगर महोदय ,प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मय पुलिस बल मौजूद रहे।