जमानियां। बरुईन गांव स्थित राजकिशोर सिंह महाविद्यालय और संत रामनारायण राजकिशोर शंकर महिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के विशेष शिविर के आठवें दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
स्वच्छता अभियान से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों की सफाई अभियान से हुई। इसके बाद छात्र-छात्राओं ने महिला सशक्तिकरण और उनके समाज में योगदान पर विचार प्रस्तुत किए।
“नारी सशक्तिकरण संपूर्ण सृष्टि का आधार”
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने महिला सशक्तिकरण को लेकर समाज में आवश्यक बदलावों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि—
“नारी केवल एक शब्द नहीं, बल्कि संपूर्ण सृष्टि का आधार है। वह जीवनदायिनी, प्रेम और त्याग की मूर्ति है। भारतीय संस्कृति में नारी को शक्ति और ममता का स्वरूप माना गया है।”
शास्त्रों का हवाला देते हुए वक्ताओं ने कहा—
‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’
अर्थात् जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं।
समान अवसर देने की आवश्यकता पर जोर
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं के संघर्ष, उपलब्धियों और योगदान को पहचानना बेहद जरूरी है। साथ ही, उन्हें समान अवसर देकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह, ओमप्रकाश यादव, राधेश्याम शुक्ल, गुंजन मिश्रा, के.के. राय, आलोक कुमार राय, दयाशंकर सिंह सहित कई शिक्षाविद और कर्मचारी उपस्थित रहे। संत रामनारायण राजकिशोर शंकर महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. शशि लता श्रीवास्तव, नीतू जायसवाल, दीपक कुमारी, माया देवी, संकठा सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
छात्र-छात्राओं ने लिया संकल्प
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और समानता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। उन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और महिलाओं कोसमान अधिकार दिलाने का संदेश दिया।