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घूसखोरी का बड़ा खुलासा: दस हजार की रिश्वत लेते दरोगा रंगे हाथ गिरफ्तार, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

गाजीपुर। जिले के रेवतीपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक लल्लन यादव को एंटी करप्शन टीम ने दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई थाने के ठीक पीछे की गई, जिससे पूरे पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई। घटना के बाद से पुलिसकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है। मामला जमीन विवाद से जुड़ा है। रेवतीपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव निवासी नंदलाल यादव ने एंटी करप्शन कार्यालय वाराणसी में शिकायती पत्र देकर बताया था कि 28 फरवरी को उनके पाटीदारों से ज़मीनी विवाद में मारपीट हुई थी। इस पर उन्होंने 7 मार्च को गाजीपुर न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था।

शिकायत के अनुसार, उपनिरीक्षक लल्लन यादव ने मामले में रिपोर्ट भेजने के एवज में दस हजार रुपये की मांग की थी। पीड़ित का आरोप है कि दरोगा ने साफ तौर पर कहा था – “रुपया नहीं दिया तो उल्टी रिपोर्ट लगाकर भेज दूंगा।” इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने पूरी रणनीति के साथ जाल बिछाया और दरोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। गिरफ्तार उपनिरीक्षक लल्लन यादव मूल रूप से देवरिया जिले के रहने वाले हैं। 1991 में उन्होंने सिपाही पद से पुलिस सेवा में करियर शुरू किया था। 2024 में उन्हें पदोन्नति मिली और जुलाई 2024 से वे रेवतीपुर थाने में तैनात थे।

एंटी करप्शन टीम ने इस कार्रवाई के बाद आरोपी दरोगा के खिलाफ गाजीपुर शहर कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। यह मामला पुलिस महकमे में गहरी शर्मिंदगी का कारण बना है और विभागीय कार्रवाई की भी संभावना जताई जा रही है।इस गिरफ्तारी ने यह साफ कर दिया है कि कानून के रक्षक अगर भ्रष्टाचार करेंगे, तो उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा।