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महिला प्रकोष्ठ ने टूटते तीन घरों को बचाया, 11 मामलों की हुई सुनवाई

गाजीपुर। पति-पत्नी के बीच तल्ख रिश्तों की उलझनों में फंसे परिवारों के लिए महिला सहायता प्रकोष्ठ संकटमोचक बनकर उभरा है। गुरुवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा के निर्देशन में परिवार परामर्श केंद्र में कुल 11 विवादित पारिवारिक मामलों की सुनवाई की गई। इनमें कई सालों से बिगड़े रिश्तों को सुधारने की चुनौती सामने थी। तीन मामले ऐसे थे, जिनमें रिश्तों की खटास इतनी बढ़ चुकी थी कि बिछड़ाव तय माना जा रहा था। लेकिन महिला प्रकोष्ठ की टीम ने दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर, बिना किसी दबाव के आपसी समझौता कराया और फिर से साथ जीवन बिताने की सहमति दिलाई। सफल काउंसलिंग के बाद इन मामलों में विदाई भी कराई गई।

इनमें से दो प्रकरणों को पूर्ण समाधान के बाद बंद कर दिया गया, जबकि तीन मामलों में कानूनी सुझाव देकर पत्रावली समाप्त की गई। बाकी तीन मामलों में सहमति न बन पाने के कारण अगली सुनवाई की तिथि तय की गई है। इस संपूर्ण प्रक्रिया में काउंसलर कमरूद्दीन, महिला प्रकोष्ठ प्रभारी शशि सिंह, महिला आरक्षी अभिलाषा व रागिनी चौबे, तथा महिला होमगार्ड उर्मिला गिरी की अहम भूमिका रही। महिला प्रकोष्ठ की इस कार्यवाही को प्रशासनिक कुशलता और मानवीय संवेदनशीलता का बेहतरीन उदाहरण माना जा रहा है।