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ब्लॉक का औचक निरीक्षण करने पहुंचे विशेष सचिव: कई योजनाओं में पाई गईं खामियां, जल्द सुधार के दिए निर्देश

रेवतीपुर (गाज़ीपुर)। शासन की विभिन्न योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने और उनके क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के निदेशक एवं विशेष सचिव (आईएएस) राज कमल यादव ने रविवार को रेवतीपुर ब्लॉक का औचक निरीक्षण किया। उनके आगमन की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया।

निरीक्षण के दौरान विशेष सचिव ने ब्लॉक मुख्यालय, सीएचसी, पंचायत भवन, बीआरसी, आंगनबाड़ी केंद्र, खेल का मैदान, जिम सेंटर सहित कई विभागीय स्थलों का बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन पर बल देते हुए कहा कि जनता के हित में चल रही योजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्र में उन्होंने गर्भवती महिलाओं की गोद भराई और बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार कराया। बीआरसी परिसर में स्थित पेयजल बूथ की गंदगी व अधूरी टाइलिंग को देख कर गहरी नाराजगी जताई और साफ-सफाई में तत्काल सुधार लाने के निर्देश दिए। निरीक्षण उपरांत ब्लॉक सभागार में हुई समीक्षा बैठक में उन्होंने विभागवार प्रगति रिपोर्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से देखी। माध्यमिक शिक्षा विभाग के किसी प्रतिनिधि की अनुपस्थिति पर असंतोष जताया। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित नैट परीक्षा का डेटा ऑनलाइन फीड न होने तथा पंचायत विभाग द्वारा बनाए जा रहे शौचालयों का जियो टैगिंग न होने पर कड़ी फटकार लगाई और संबंधित कमियों को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने मातहतों को बाल मजदूरी के उन्मूलन तथा बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने पर विशेष ध्यान देने को कहा। साथ ही स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण व कुपोषण से जुड़े मुद्दों पर भी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य विभाग की चारों पीएचसी में मेडिकल ऑफिसरों के रिक्त पदों को भरने के आदेश भी दिए।

औचक निरीक्षण करते विशेष सचिव राज कमल यादव

इस अवसर पर बीडीओ जमालुद्दीन, कौस्तुभ मणि पाठक, एडीओ कोऑपरेटिव आशुतोष, सीडीपीओ अरुण कुमार दूबे, सीएम फेलो डॉ. मयंक मोहन, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमर कुमार, एडीओ पंचायत शशिप्रकाश राय, पूर्व प्रमुख मुकेश राय, रजनीकांत पांडेय, विनीत राय, दीपक यादव, अजय सिंह, एडीओ आईएसबी रामभवन समेत कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। विशेष सचिव राज कमल यादव ने कहा कि शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की वास्तविक स्थिति जानने के लिए निरीक्षण किया गया। जहां भी कमियां मिली हैं, उन्हें दूर करने के लिए स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं।