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जिला पोषण समिति की समीक्षा बैठक: गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार पर विशेष जोर

गाजीपुर। बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, किशोरियों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पोषण समिति एवं कंवर्जेंस समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य ने की। बैठक में ब्लॉक मनिहारी और सदर के बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्माणाधीन शौचालयों को दस दिनों के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया गया। साथ ही सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों पर कार्यों की जानकारी न देने पर बाल विकास परियोजना अधिकारी मरदह का वेतन रोकने की भी सख्त हिदायत दी गई। बैठक के दौरान वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत आंगनवाड़ी केंद्र भवन निर्माण, परियोजना कार्यालय निर्माण, शौचालयों का अपग्रेडेशन, कायाकल्प/लर्निंग लैब की स्थिति, विद्युत व्यवस्था, पोषण टैकर, सैम/मैम बच्चों एवं एनआरसी संदर्भन की स्थिति सहित प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की विस्तृत समीक्षा की गई।

मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य ने कहा कि सरकार बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों एवं माताओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्ध है। गर्भवती महिलाओं की नियमित निगरानी और बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सजगता बनाए रखने के लिए जागरूकता फैलाने पर जोर दिया गया। उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध वजन मशीन व अन्य उपकरणों को सक्रिय रखने तथा आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय स्थापित कर महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने को कहा। उन्होंने कुपोषण मुक्त जिला बनाने के उद्देश्य से कुपोषित बच्चों को पुष्टाहार उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। हर गर्भवती महिला के खानपान पर विशेष ध्यान देने तथा नवजात शिशु का समय-समय पर वजन कराने का भी आदेश दिया गया। इसके अतिरिक्त, आंगनवाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को हरी सब्जियों के सेवन के लिए प्रेरित करने, सैम-मैम चिन्हित बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य प्रबंधन, राष्ट्रीय पोषण माह की गतिविधियों के क्रियान्वयन, आधार सत्यापन एवं आंगनवाड़ी केंद्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार व ड्राई राशन वितरण की बारीकी से समीक्षा की गई।

मुख्य विकास अधिकारी ने VHND कार्यक्रम नियमित रूप से संचालित करने, मेडिकल कैम्प लगाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने, सैम-मैम बच्चों को दवाएं उपलब्ध कराने, तथा स्वास्थ्य में सुधार न होने पर उन्हें NRC सेंटर में भर्ती कराने के निर्देश दिए। साथ ही लाभार्थियों का मोबाइल वेरिफिकेशन कर पोष्टिक आहार से किसी भी लाभार्थी को वंचित न रहने देने पर बल दिया। बैठक में जिला विकास अधिकारी सुभाष चंद सरोज, डीसी मनरेगा, डीपीओ, समस्त सीडीपीओ और अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।