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पकड़ी में मनरेगा श्रमिकों की हुंकार, अधिकारों के लिए संघर्ष तेज करेगा संघ

जमानिया। रेवतीपुर ब्लॉक अंतर्गत पकड़ी गांव में रविवार को मनरेगा मजदूर संघ द्वारा जन जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान श्रमिकों की समस्याएं सुनते हुए उनके अधिकारों को लेकर संघर्ष का ऐलान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष प्रमोद यादव ने की।

उन्होंने बताया कि पकड़ी गांव के 117 श्रमिक संगठन से जुड़े हैं, लेकिन लगातार मांग के बावजूद न तो इन्हें नियमित रूप से रोजगार मिला है और न ही बेरोजगारी भत्ता। पंचायत स्तर पर लेबर डिमांड को भी स्वीकार नहीं किया जा रहा। जसवंतपुर ग्राम सभा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां के श्रमिकों को एक वर्ष से कोई काम नहीं मिला है। छात्र नेता अनूप राय ने चेतावनी दी कि यदि मनरेगा श्रमिकों को पारदर्शी प्रक्रिया से रोजगार नहीं दिया गया तो रेवतीपुर ब्लॉक मुख्यालय पर तालाबंदी की जाएगी। उन्होंने कहा कि योजनाएं सिर्फ कागजों में रह गई हैं जबकि जमीनी हकीकत में श्रमिक आज भी हाशिये पर हैं। संघ के जिला कोषाध्यक्ष मोहन श्रमिक ने बताया कि संगठन की मुख्य मांगों में न्यूनतम मजदूरी ₹252 से बढ़ाकर ₹450 करना, साल में 200 दिन रोजगार सुनिश्चित करना और मनरेगा को कृषि कार्यों से जोड़ना शामिल है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए 90 दिन की हाजिरी जरूरी कर दी गई है, लेकिन किसी श्रमिक की उपस्थिति इतनी नहीं हो पा रही।

ब्लॉक प्रभारी मनोज कुमार ने कहा कि ग्राम प्रधानों और अधिकारियों से कई बार वार्ता की गई, लेकिन वे श्रमिकों को काम देने से कतरा रहे हैं। उन्होंने जिलाधिकारी स्तर की समीक्षाओं को भी केवल औपचारिकता करार दिया। कार्यक्रम में ब्लॉक कोषाध्यक्ष विजेंद्र कुमार, ब्लॉक सचिव राकेश कुमार, संजय कुमार, प्रमोद कुमार, मनोज कुमार और मोहन श्रमिक सहित दर्जनों श्रमिक व कार्यकर्ता शामिल हुए।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें हक दिलाने के लिए संगठन की आगामी रणनीतियों को साझा करना था।