जमानियां। वास्तव में पीने योग्य पानी का मुख्य स्रोत भूगर्भ जल ही है, मगर अनियोजित औद्योगिकरण, प्रदूषण और असंवेदनशीलता के कारण पूरा विश्व आज बड़े जल संकट की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
पैकेट और बोतल बंद पानी आज विकास के प्रतीक चिन्ह भले बनते जा रहे हों लेकिन आने वाले दिनों में यह लापरवाही बहुत भारी पड़ने वाली है और जल जैसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन को बाजारवाद के हवाले कर देने का नुकसान आने वाली पीढ़ियों को भुगतना होगा। ये विचार हैं हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री के जो भूगर्भ जल के सम्बन्ध में अपने विचार रख रहे थे।रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अरुण कुमार ने कहा कि विश्व में जल संकट बढ़ता जा रहा है ऐसे में हमें जल संरक्षण पर जागरूक होना चाहिए।इन्हीं मुद्दों पर विमर्श के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.शरद कुमार ने प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष रामप्रिय राय, प्रबन्धक लछिराम सिंह यादव, उप प्रबन्धक रविन्द्र सिंह यादव,पूर्व कार्यक्रम अधिकारी डॉ.संजय कुमार सिंह आदि महाविद्यालय में जल संकट से मुक्ति हेतु बैठक की।राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से प्रस्ताव रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष एवं महाविद्यालय आई क्यू ए सी प्रभारी डॉ.अरुण कुमार ने रखा। उन्हाेंने कहा कि महाविद्यालय यदि जल संरक्षण की व्यवस्था करे तो आसन्न जल संकट से निपटने में एक छोटा प्रयास हमारी तरफ से होगा और इससे हम लोगों को इस हेतु प्रेरित भी कर सकेंगे। प्रस्ताव पर सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया था कि हम इस सत्र में एक तालाब का निर्माण करेंगे और उसके चारों ओर भीटे का निर्माण करेंगे इससे तालाब में जल संरक्षित होगा जो बेजुबान जानवरों की प्यास बुझाएगा, भूगर्भ जल स्तर को समृद्धि मिलेगी और भीटे पर वृक्ष लगाकर हम पर्यावरण को लाभ पहुंचाने में कामयाब होंगे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.शरद कुमार ने बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष राष्ट्रीय सेवा योजना के इस प्रस्ताव की सराहना की और तत्काल काम शुरू हो इसकी अनुशंसा की। महाविद्यालय भूमि पर यह तालाब कल भूगर्भ जल संरक्षण दिवस पर बीती बरसात के कारण पूरी तरह तो नहीं लेकिन पानी के साथ मानो खिलखिला रहा हो आवश्यकता अब बस इतनी है कि बरसात आने पर इसे पर्यावरणीय महत्व के वृक्षों से सुसज्जित करके संकल्प की सिद्धि की जाय। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के सत्य प्रकाश सिंह, मनोज कुमार सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, कमलेश प्रसाद, सूरज कुमार जायसवाल, रवि उद्यान आदि उपस्थित रहे।