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निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत

ज़मानियां। कोतवाली क्षेत्र के धुस्का गांव निवासी 19 वर्षीय सत्यजीत चौधरी ने मंगलवार की शाम करीब 5 बजे अज्ञात कारणों से तुरंता किट नाशक का सेवन कर लिया। जिससे उसकी तबियत बिगड़ने लगी और निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हाे गयी। गुस्साये परिजनों ने कोतवाली में लिखित शिकायत की। पुलिस मामले कि जांच में जुटि है।

युवक सत्यजीत के परिजनों ने आनन फानन में उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी डां रूद्रकांत सिंह ने युवक को तत्काल वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। जिसके बाद परिजन निजी वाहन से वाराणसी के लिए स्वास्थ्य केन्द्र से रवाना हुए लेकिन कुछ दलालों ने परिजनों को घेर लिया और अच्छा इलाज का दावा करते हुए उसे कोतवाली के पास स्थित जीवनदीप अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में कोई चिकित्सक नहीं था और पूरी रात धनउगाही के चक्कर में अस्पताल के प्रशिक्षण विहीन कर्मचारी इलाज करते रहे। बुधवार की सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। जिससे नाराज परिजनों ने कोतवाली में जीवनदीप अस्पताल के कर्मचारीयों के विरूद्ध तहरीर दी। मृतक के छोटे भाई लक्ष्मण चौधरी ने बताया कि नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से अवैध चिकित्सालय चल रहे है। जहां डाक्टरों का अता पता नही है। ऐसे अस्पतालों को चिन्हित कर कार्रवाई की जानी चाहिए। बताया कि भाई ने अज्ञात कारणों से किटनाशक का सेवन कर लिया था। जिसको प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से रेफर कर दिया गया। जिसके बाद वाराणसी ले जाने की तैयारी चल रही थी तभी कुछ दलालों ने फर्जी चल रहे आस्पताल में भर्ती करा दिया। जिसमें इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। उन्होंने प्रशासन से ठोस कार्रवाई की मांग की। इस संबंध में कोतवाल राजीव कुमार सिंह ने बताया कि मृतक सत्यजीत के भाई लक्षमण द्वारा तहरीर दी गयी है। सूचना पर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये जिला अस्पताल भेज दिया गया। मामले की जांच कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।