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पूर्व मंत्री ने जताई कड़ी नाराज़गी

जमानियाँ। क्षेत्र के चक्काबॉध ग्राम स्थित चौधरी चरण सिंह पम्प कैनाल पर शनिवार की शाम पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह जा धमके तथा वहाँ कच्छप गति से चल रहे कार्यो व पम्प कैनाल पर सक्षम अधिकारीयों की उपस्थिति न होने पर उच्चाधिकारीयों से दूरभाष पर वार्ता कर कड़ी नाराजगी जताई।

उन्होने बताया कि खरीफ की खेती का समय समीप आ गया है और खरीफ की खेती में पानी की आवश्यक्ता ज्यादा होती है, ऐसी स्थिति में पम्प कैनाल की भूमिका बढ़ जाती है। यह क्षेत्र कृषि पर पूर्णतः आधारित है। ऐसे में अधिकारी लापरवाही करगे तो यह क्षेत्र पिछड़ जायेगा। सपा सरकार में पम्प कैनाल के आठ जर्जर पम्प व आठ मोटर को बदलवाने के लिए व अधूरे पड़े बोल्डर बाईड़िग हेतु करोड़ो रूपये का स्टीमेंट बनवाकर शासन से कड़ी मेहनत करके पास करवाया ताकि किसानों के चेहरे पर खुशहाली आ सके। अन्नदाता पानी के लिए परेशान न हो तथा कटान से भी उन्हें निजात मिल सके। लेकिन सत्ता बदलने के बाद आज तक पूरा काम नही हो पाया। खरीफ की खेती का समय आ गया तो सिर्फ किलोस्कर कम्पनी का आठ पम्प व मैराथन कम्पनी एक मोटर ही आ पाया है। ऐसे में खेती करना किसानों के लिए दुरुह कार्य हो जायेगा। अधिकारी व सरकार किसानों के मुद्दे पर हिलाहवाली कर रहे है तथा लॉक डाउन का बहाना बनाकर किसानों के साथ छलावा हो रहा है। पम्प कैनाल का 7 वां पम्प का पंखी ज्यादा दिन से खराब है, जो अधिकारीयो की घोर लापरवाही दर्शाता है। हमारी सरकार किसानों के खेतो तक पानी पहुँचने के लिए संवेदनशील थी। उस समय कई किलोमीटर सीसी नहर, कई पुल-पुलिया, 92 टेल गुल, सैकड़ो कुलाबा तथा मुख्य नहर, पोषक नहर व माइनरो की साफ सफाई करके सुगमता से खेतो में पानी पहुँचाने का कार्य कराया गया। बड़े शहरो की भाँति नहर पर बैठने के लिए पैरावेट व सुन्दर दिखने के लिए पेन्ट कराया गया था ताकि जब हमारा किसान काम करते हुये थकेगा तो कुछ देर आराम कर लेगा लेकिन भाजपा की सरकार उन चीजों का भी रख रखाव करने में विफल नजर आ रही है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारीयों को चेताया कि यथाशीघ्र पूरे पम्प व मोटर लग जाने चाहिए ताकि किसानों के माथे पर बल न पड़े। किसानों की परेशानी हमारी परेशानी है और इसे कतई बर्दाश्त नही किया जायेगा। इस दौरान विधान सभा अध्यक्ष अनिल यादव, प्रतिनिधि मन्नू सिंह, उपेन्द्र यादव आदि लोग मौजूद रहे।