गाजीपुर। जिलाधिकारी ओम प्रकाश आर्य की अध्यक्षता मे भूजल सप्ताह गोष्ठी का आयोजन रायफल क्लब सभागार मे सम्पन्न हुई। भूजल सप्ताह का आयोजन 16 जुलाई से 22 जुलाई तक मनाया जा रहा है।
गोष्ठी मे बताया गया कि आज जनसंख्या के बढते दबाव व पानी की अत्यधिक मांग तथा जल संसाधनों की सीमित उपलव्धता के परिणाम स्वरूप जलापूर्ति एवं उपलव्ध जल की मात्रा के बीच अन्तर बढता जा रहा है। विशेषकर भूगर्भ जल का अनियोजित व असीमित उपयोग किये जाने से एवं विगत कुछ वर्षो से वर्षा मे आयी कमी से कुछ स्थानों पर भूजल स्तर निरन्तर नीचे गिरता जा रहा है। इसी उद्धेश्य की पूर्ति हेतु अधिकाधिक जन सहभागिता बढाने के उद्धेश्य से भूजल सप्ताह मनाया जा रहा है। जनपद मे सैदपुर, मुहम्मदाबाद एवं बाराचंवर विकास खण्ड क्रिटिकल क्षेणी मे है, शेष व्लाक सेफ जोन मे है। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन मे कहा कि विकास के दौर के कारण बड़े-बड़े शहर बसाये जा रहे है। पक्की इमारते, पक्की सड़के, पक्के फुटपाथ सीमेन्ट कंकरीट से बना कर खड़े किये जा रहे है जिससे पूरे जमीन के छिद्र बन्द होते जा रहे है। इस प्रकार वर्षा के पानी को धरती मे जाने के सारे रास्ते बन्द कर दिये गये है। वर्षा का लगभग 90 प्रतिशत पानी नदी मे बह जाता है। लगभग 5-10 प्रतिशत ही पानी जमीन के अन्दर जा पाता है। जबकि पहले 70 प्रतिशत वर्षा का पानी बह जाता था 30 प्रतिशत पानी जमीन के अन्दर चला जाता था। अब जमीन के अन्दर वर्षा का पानी कम जा रहा है। दूसरी तरफ जनसंख्या बढने के कारण भूजल की मांग बढती जा रही है इस लिए कुदरत के इस अमूल्य तोहफे को हम सबको मिलकर ईमानदारी से संचय करना चाहिए, क्योकि पानी का एक-एक बूद बहुत किमती है। इस हेतु हमे अपनी आदत मे सुधार करनी चाहिए वरना हम सबसे जरूरी और इंसानी जिम्मेदारी पूरी नही कर पायेगे। आने वाली नस्लो के हम गुनहगार बन जायेगे। गोष्ठी मे नोडल विभाग के अधिकारियों ने भी अपने-अपने विचार/सुझाव प्रदान किये गये। जिलाधिकारी ने नोडल विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय जिससे लोगो मे पानी के संचय के प्रति जागरूकता पैदा हो सके। बैठक मे मुख्य विकास अधिकारी, प्रभागीय निदेशक सामाजिक बानिकी, लघु सिचाई विभाग, सिंचाई विभाग तथा अन्य सम्बन्धित विभागो के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।