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जैविक खेती हेतु जैविक विधियों को अपनाने पर दिया गया जोर

गाजीपुर। जिलाधिकारी द्वारा जनपद में संचालित की जा रही नमामि गंगे योजना अन्तर्गत जैविक खेती हेतु कृषि विविधीकरण परियोजना यू0पी0डास्प द्वारा कराये जा रहे कार्यों के निरीक्षण हेतु परियोजना के अ्रन्तर्गत चयनित ग्राम खालिसपुर विकास खण्ड सदर का स्थलीय निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान परियोजना के जिला परियोजना समन्वयक डा0 गौरव सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित यू0पी0डास्प द्वारा स्वच्छता एक्शन प्लान के अन्तर्गत नमामि गंगे क्लीन अभियान योजना में गंगा किनारे स्थित ग्रामों में जैविक खेती कार्यक्रम हेतु 102 समूहों में 2050 हे0 क्षेत्रफल में जैविक खेती द्वारा कृषकों को प्रशिक्षण, जागरुकता, कृषि लागत अनुदान के माध्यम से उनकी आय में वृद्वि हेतु योजना संचालित की जा रही हेै, निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित कृषकों से जीवामृत, बीजामृत के बनाने की विधि एवं लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी, जिसके सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि जीवामृत तथा बीजामृत के प्रयोग से लगभग 20 से 25 प्रतिशत नाइट्रोजन की पूर्ति हो जायेगी, इसको किसान स्वयं घर पर ही आसानी से बना सकते है, जिसके लिए 10 कि0ग्रा0 देशी गाय का गोबर, 10 लीटर देशी गाय का गोमुत्र, 250 ग्राम जंगल की मिट्टी, 50 ग्राम चूना, 200 ग्राम देशी गुड, 250 ग्राम किसी भी दाल का बेसन, तत्पश्चात इन समस्त सामाग्रियों का पेस्ट बनाने के उपरान्त 100 ली0 पानी में घोल बना लें। इसके बाद सुबह एवं शाम निर्मित घोल को नियमित रुप से 10 से 12 दिन तक घुमाना चाहिए, इसके उपरान्त तैयार घोल को 01 एकड फसल में सिचाई के पानी के साथ मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है, छिडकाव हेतु निर्मित मिश्रण को छानकर 01 एकड फसल में प्रयोग किया जा सकता है, साथ ही अजोला, वर्मी कम्पोष्ट, हरी खाद एवं गर्मी की जुताई एवं फसल चक्र द्वारा भी मृदा के स्वास्थ्य सुधार में सहायक होगी। ऐसा कृषकों द्वारा बताया गया एवं परम्परागत खेती के तरीकों को अपनाने के बारे में आश्वासन दिया गया। जैविक खेती हेतु 20-20 हे0 के समूह गठित किये गये है जिनके माध्यम से कृषकों को योजना में लाभान्वित कर 03 वर्षों में रसायनिक खादों के स्थान पर जैविक तरीके से खेती कर जैविक उत्पादों के विपणन हेतु प्रयास कर कृषकों को लाभान्वित किया जायेगा, जिलाधिकारी ओम प्रकाष आर्य द्वारा उपस्थित कृषकों को जैविक खेती हेतु जैविक विधियों को अपनाने एवं विपणन हेतु अभी से प्रयास हेतु निर्देशित किया गया, निरीक्षण के दौरान सर्पोट एजेन्सी मार्क एग्री के जिला इन्चार्ज राजेश प्रताप सिंह, हरिओम तिवारी एवं कृषक उपस्थित रहें।