कन्दवा(चन्दौली)। डोंगल डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया में खामी के चलते ग्राम पंचायतों में विकास कार्य के भुगतान महीनों से अटके पड़े हैं। ग्राम प्रधान एवं सचिव ब्लाक व जिला मुख्यालय का चक्कर काटकर पररेशान हैं। ऐसे में ग्राम पंचायतों में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़ गए हैं। जिससे इस प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।
ग्राम पंचायतों में खड़ंजा, नाली, विद्यालयों की मरम्मत, हैंडपंप मरम्मत आदि कार्यों को कराने में मौजूदा समय में ग्राम प्रधानों व ग्राम विकास/ग्राम को पसीना छूट रहा है।वजह पहले काम कराने के बाद चेक के जरिये भुगतान हो जाता था, लेकिन मौजूदा समय में डिजिटल डोंगल के द्वारा भुगतान की व्यवस्था लागू हो जाने के चलते महीनों तक भुगतान बाधित हो जा रहा है। अब हालत यह है कि जिन ग्राम पंचायतों ने काम करवा लिया है उनके प्रधान भुगतान के लिए चक्कर काट रहे हैं। वजह यह है कि जिले में जिला पंचायतराज विभाग में मात्र एक कर्मचारी को इस भुगतान का तरीका पता है।अब उसकी भी पौ बारह है। बरहनी विकास खण्ड के बरहनी, रामपुर, खुरहट, कन्दवा, सुढना, अमड़ा, कम्हरिया, खझरा, देवकली, घोसवा, बकौड़ी आदि गांवों में कराए गए कार्यों के भुगतान के लिए प्रधान चक्कर काटकर परेशान हैं।चौंकाने वाली बात यह है कि ग्राम पंचायतों के खातों में धनराशि मौजूद है, लेकिन इसके बाद भी भुगतान के लाले पड़े हैं। इस बारे में जिम्मेदार अधिकारी तमाम तरह की दलीलें देते नजर आ रहे हैं।इस सम्बन्ध में खण्ड विकास अधिकारी बरहनी एमपी चौबे का कहना है कि सरकार द्वारा सिस्टम अपडेट करने और कुछ दिनों से सर्वर ठीक से काम न करने के चलते भुगतान में कुछ समस्या हो रही थी।अब भुगतान शुरू हो गया है।ग्राम प्रधानों को अब चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे अधिकारी
प्रदेश सरकार की मंशा है कि गांवों में विकास की योजनाओं का संचालन तेज गति से और भ्रष्टाचार मुक्त हो, लेकिन जिले के अफसरों की मनमानी व कारगर नीति न होने के कारण सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। महीनों से काम कराने के बाद भी भुगतान अटके पड़े हैं। जो सरकार की मंशा पर पानी फेर रहा है।