कन्दवा (चंदौली)। एक तो नहरों में पानी नहीं आ रहा है दूसरे प्रकृति ने भी किसानों से मुंह मोड़ लिया है।जिससे टेल के खेतों तक पानी पहुंचना पत्थर पर दूब उगाने जैसा हो गया है। किसान नहरों में पानी न आने और धान की फसलों में झुलसा रोग लगने से बेहाल हैं।
जनपद में नहरों का जाल बिछा होने के बाद भी नहरों में पानी न आने और प्रकृति के अचानक मुंह मोड़ लेने से किसान बेचैन हैं।किसानों की फसल को वर्तमान समय में पानी की सख्त जरूरत है।लेकिन न तो नहरों में पानी है और न ही किसानों पर इंद्रदेव ही मेहरबान हो रहे हैं।जिससे किसानों की खड़ी फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है।गर्मी व उमस होने और बारिश न होने के चलते फसलों में झुलसा रोग का प्रकोप भी तेजी से बढ़ता जा रहा है।किसानों के अनुसार इस रोग पर किसी दवा के छिड़काव का भी कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है।फसलों में झुलसा रोग के बढ़ते प्रकोप से किसान काफी बेचैन हैं।पानी के अभाव और झुलसा रोग के बढ़ते प्रभाव से किसानों की जान सांसत में है।किसान रमेश राय,रतन सिंह,अनिल सिंह, देवेन्द्र राय,केदार सिंह, नीरज सिंह,धर्मेन्द्र सिंह आदि का कहना है कि नहरों में पानी न होने से पहले ही परेशान थे अब झुलसा रोग के बढ़ते प्रकोप ने परेशानी और बढ़ा दी है ।