गाजीपुर। कोरोना संक्रमण को लेकर लोग लापरवाह होते जा रहे हैं जिसका असर इन दिनों जनपद प्रत्येक जगहों पर देखा जा सकता है। लोग बिना मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए बेपरवाह घूम रहे हैं जो बेहद ही खतरनाक है। बात की जाए सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तो 28 अगस्त से अब तक 10,500 लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीज, प्रसव की सुविधा के साथ ही इमरजेंसी के मरीज शामिल है जिनका इलाज के साथ ही स्वास्थ्य केंद्र पर जांच भी की जा रही है।
सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र पर कोरोना जांच के लिए दो टीम बनाई गई हैं जिसमें से एक टीम के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैदपुर पर जांच कराई जा रही है। जबकि दूसरी टीम मोबाइल टीम है जो एक राजस्व गांव में कैंप करके आसपास के 4 से 5 गांव के लोगों की आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम की मदद से जानकारी पहुंचा कर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 150 से 200 लोगों की जांच कराई जा रही है जिसमें से प्रतिदिन एक या दो मरीज पॉजिटिव आ रहे हैं।
डॉ सिंह ने कहा कि जब भी घर से बाहर निकलें तो मुंह और नाक को मास्क से अच्छी तरह से ढककर रखें। किसी से भी मिलें या बैठक करें तो दो गज की दूरी बनाकर रखें। हाथों को स्वच्छ रखें यानि साबुन-पानी से अच्छी तरह बार-बार धुलते रहें या सेनेटाइजर से साफ़ करें। इन सभी नियमों का सख्ती से पालन करने पर कोरोना से जंग जीती जा सकती है।
ब्लॉक की स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी रेखा मधुकर ने बताया कि मौजूदा समय में संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी चल रहा है। इसके लिए 253 टीम बनाई गई हैं जिसमें आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम शामिल हैं। दस्तक अभियान (1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2020 तक) के तहत प्रतिदिन 10 घर का विजिट कर रही हैं। इन सभी के द्वारा लॉक डाउन की वजह से टीकाकरण से वंचित रह गए एक साल तक के सभी बच्चों की सूची तैयार की जा रही है। आगामी नवंबर 2020 से तीन माह तक विशेष अभियान चलाकर सभी बच्चों का टीकाकरण पूर्ण किया जाएगा। इसके साथ ही घर-घर सर्वे कराया जा रहा है जिसमें आई एल आई (सर्दी, खांसी और बुखार) एवं सारी (सांस लेने में तकलीफ) के मरीजों का चिन्हित किया जा रहा है। इसके साथ ही परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत नसबंदी कैंप का भी आयोजन सुचारू रूप से चल रहा है जिसके तहत अप्रैल 2020 से सितंबर के मध्य कुल 87 महिला नसबंदी की जा चुकी हैं। इन सभी इच्छुक लाभार्थियों की पहले कोरोना जांच, एचआईवी जांच, गर्भावस्था जांच आदि जाँचें की गई इसके पश्चात ही नसबंदी की गई।