गाजीपुर। जनपद में कालाजार और फाइलेरिया की रोकथाम को लेकर बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी सी मौर्य की अध्यक्षता में किया गया। इसमें जिला स्तरीय और ब्लॉक स्तरीय अधिकारी, लैब टेक्नीशियन एवं मलेरिया विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही पाथ संस्था के अधिकारी शामिल रहे।
एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा ने बताया कि कालाजार को काला ज्वर भी कहा जाता है। यह एक गंभीर बीमारी है जो कि परजीवी से फैलती है । इसे धीमी गति से फैलने वाला स्थानीय रोग भी कहते है। इसका वायरस या परजीवी सीधे शरीर के रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है और इसके साथ साथ प्लीहा को भी क्षति पहुंचता है । इसके लक्षण के बारे में बताया कि बार बार बुखार का आना या फिर शरीर में हल्का बुखार हमेशा बने रहना इसके मुख्य लक्षणों में से एक है। भूख और वजन में लगातार कमी होना भी इसका लक्षण है | डॉ सिन्हा ने बताया कि लीवर का आकर सामान्य से बड़ा हो जाना । त्वचा में दाद, जलन, दाने या फिर सूखापन का होना इसके मुख्य लक्षणों में गिना जाता है | कुछ रोगियों को कई बार इस बीमारी के साथ कोई अन्य बीमारी भी हो जाती है जिससे इसके लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो जाता है |
जिला टेक्निकल ऑफीसर डॉ दीपक ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि कालाजार और फाइलेरिया के मरीज को जल्द से जल्द ढूंढा जाए। उसका इलाज कराया जाए। साथ ही फाइलेरिया का आगामी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी । कालाजार कार्यक्रम के अंतर्गत इसके संबंध में विस्तृत जानकारी संभावित मरीज की खोज, मरीजों की जांच एवं इलाज के विषय में जानकारी दी गयी।
जिला मलेरिया निरीक्षक अविनाश कुमार यादव ने बताया कि वर्ष 2019 में जनपद में सिर्फ आठ कालाजार के मरीज देखे गए जिसमें मोहम्मदाबाद में तीन, बाराचवर में दो और मरदह में तीन मरीज पाये गए । वर्ष 2020 में अभी तक सिर्फ एक मरीज मोहम्दाबाद तहसील के रघुवर गंज गांव में मिला है। इन सभी का इलाज कराया जा रहा है। इन मरीजों में (पीकेडीएल) कालाजार के मरीज को इलाज के बाद 4000 रुपये की राशि विभाग के द्वारा दी जाती है। जबकि वीएल मरीज को इलाज के उपरांत 500 रुपये की राशि उनके खाते में ट्रांसफर की जाती है। साथ ही इन मरीजों को लाने वाली आशा वर्कर को 500 रुपये का प्रोत्साहन राशि भी विभाग के द्वारा देय होता है।
अविनाश ने बताया कि इस वर्ष कालाजार से प्रभावित जिले के पाँच ब्लॉक के सात गांव हैं जिसको लेकर विभाग ने तैयारी जोरों पर शुरू कर दी हैं। उन्होंने बताया कि मोहम्मदाबाद ब्लाक का रघुवर गंज, फैजुल्लापुर, मरदह ब्लाक का बहुतरा, कासिमाबाद ब्लाक का सिपाह, मनेरिया, बाराचवर ब्लॉक का सहरेज़ा, मुबारकपुर जुगनू, गोड़उर ब्लॉक का गोड़उर गांव शामिल है।
वर्कशॉप में डॉ सुएब अनवर सीनियर प्रोग्राम ऑफीसर पाथ, डॉ ज्ञान चंद नोडल काला जार गोरखपुर एरिया,डॉ निशांत कंसलटेंट डब्ल्यूएचओ), डॉ दीपक, डॉ पंकज,अरुण(पाथ),प्रभारी सीएमएस डॉ राजेश सिंह, संजीव सिंह प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी, डॉ के के भाष्कर,डॉ स्वतंत्र सिंह,डॉ सुजीत मिश्र,चिकित्साधिकारी मोहम्दाबाद,गोड़उर,कासिमाबाद, मरदह,मनिहारी,बाराचवर और लैब लेक्निशियन शामिल रहे।