गाजीपुर। सरकार वर्ष 2025 तक भारत को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है । क्षय रोग के खिलाफ जंग जीतने के लिए सही और पूर्ण उपचार महत्वपूर्ण है । इसी को लेकर जनपद में राज्य सरकार की ओर से टीबी रोगियों की पहचान के लिए तीन ट्रू-नेट मशीनें भेजी गईं हैं, जिसे तीन अलग-अलग ब्लॉकों में लगाया जाएगा । इसकी मदद से आस-पास के ब्लाकों के टीबी मरीजों की पहचान कर उन्हें तत्काल उपचार पर रखा जाएगा ।
क्षय रोग के नोडल अधिकारी और एसीएमओ डॉ के के वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार द्वारा जनपद के क्षय रोग के मरीजों की जांच के लिए तीन ट्रू-नेट मशीन भेजी गईं हैं जिसे भदौरा,जखनिया और सैदपुर ब्लॉक में स्थापित किया जाएगा। इन मशीनों के लग जाने से टीबी मरीजों की खोज और उनकी जांच करने में आसानी हो जाएगी । उन्होंने बताया कि इससे पहले चिन्हित किए गए मरीजों का सैंपल पोस्ट ऑफिस के माध्यम से जिला अस्पताल और मोहम्मदाबाद में लगे सीबीनाट मशीन से जांच के लिए भेजा जाता था । उन्होने बताया कि चिन्हित किए गए सभी मरीजों की पहले कोविड-19 की जांच की जाती है, उसके पश्चात टीबी की जांच की जाती है। आईएलआई और सारी के निगेटिव मरीजों की भी टीबी की जांच की जाती है।
डॉ वर्मा ने बताया कि कोविड-19 की वजह से मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन से लेकर अब तक मिले मरीज पिछले साल की अपेक्षा कम मिले हैं, क्योंकि लॉकडाउन के दिनों में लोगों ने मास्क का प्रयोग ज्यादा किया है । इस वजह से इस वर्ष टीबी के रोगी की संख्या में कमी आई है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक मिथिलेश सिंह ने बताया कि 1 जनवरी से 15 नवंबर तक जनपद में कुल 2409 टीबी के मरीज पाए गए हैं जिसमें से 361 मरीज प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा चिन्हित किए गए हैं। इन सभी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज चलने तक 500 रुपये प्रति माह उनके खातों में दिया जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले तिमाही जुलाई से सितंबर तक कुल 708 मरीज खोजे गए थे जिसमें से 235 मरीजों का इस योजना के तहत भुगतान किया जा चुका है।