गाजीपुर। टीबी हारेगा-देश जीतेगा अभियान के तहत जनपद में दूसरे चरण ‘सक्रिय टीबी रोगी खोज (एसीएफ़) अभियान’ का शुभारंभ शनिवार को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एन आई सी में किया गया। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी सी मौर्य, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ के के वर्मा और जिला कार्यक्रम समन्वयक मिथिलेश सिंह एनआईसी में मौजूद रहे। अभियान के लिए राज्यपाल के द्वारा जनपद के सभी अधिकारी, कर्मचारी, ग्राम प्रधान, जनप्रतिनिधि से 0 से 18 साल के टीबी के मरीजों को गोद लेने की अपील की गयी ताकि वर्ष 2025 तक प्रधानमंत्री के सपने ‘टीबी मुक्त भारत’ को साकार किया जा सके।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ के के वर्मा ने बताया कि टीबी रोगियों के खोज अभियान जो 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक जनपद के वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, जिला कारागार, बाल संरक्षण/सुधार गृह, मदरसा एवं जवाहर नवोदय विद्यालय में चलाया गया था जिसके लिए कुल 52 गतिविधियां आयोजित की गईं। इन गतिविधियों के दौरान 1635 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 213 व्यक्तियों में टीबी के मिलते-जुलते लक्षण दिखाई दिये जिनकी जांच के लिए सैंपल जांच के लिए भेजा गया लेकिन राहत की बात यह रही कि एक भी पॉज़िटिव नहीं पाये गए ।
जिला कार्यक्रम समन्वयक मिथिलेश सिंह ने बताया कि जनपद के वृद्धाश्रम में दो दिन में 54 लोगों की स्क्रीनिंग हुई । इसमें से 8 व्यक्तियों की जांच कराई गई। वहीं नारी निकेतन सैदपुर में 22 लोगों की स्क्रीनिंग हुई जिसमें से 4 लोगों की जांच कराई गई। बाल सुधार गृह में 2 गतिविधियों के दौरान कुल 70 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से दो बच्चों की जांच की गयी । वहीं मदरसा में 619 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 70 बच्चों की जांच के लिए भेजा गया । वहीं नवोदय विद्यालय में 23 लोगों की स्क्रीन की गई लेकिन कोई भी व्यक्ति लक्षण वाला नहीं मिला । जिला कारागार में तीन दिनों तक चलने वाले गतिविधियों में 847 बंदियों की टीबी और कोविड की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 127 बंदी की जांच की गयी । लेकिन कोई भी व्यक्ति टीबी पॉज़िटिव नहीं पाया गया ।