जमानिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गये बजट को देखने के लिए क्षेत्र के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला लेकिन बजट कि समाप्ती तक कही खुशी कही गम कि स्थिती ही दिखाई दी।
नगर सहित ग्रामीण इलाकों के लोग चट्टी चौराहे पर मोबाईल से चिप्के रहे और आम बजट के भाषण को ध्यान से सुना। बजट पेश कर रही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश भाषण में सभी अपने फायदे कि बात खोजने में लगे रहे। किसी एलान से किसान खुश हुए तो कुछ शिक्षक‚ स्कूली बच्चे। कुछ को तो मायूशी ही हाथ लगी। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में किसानों को उनकी लागत से डेढ़ गुना ज्यादा देने का प्रयास और रेलवे के क्षेत्र में बड़ी सौगात देने की घोषणा की। वही पुराने तथा प्रदूषण फैला रहे वाहनों को हटाने के लिए बहुप्रतीक्षित स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति की घोषणा की। जिसका एक ओर स्वागत हुआ तो वही कही इसका विरोध भी शुरू हो गया। चट्टी चौराहे पर लोग उनके भाषण के साथ ही बहस और तू-तू मैं मैं करते नजर आये। इसके साथ ही देशभर में 100 नए सैनिक स्कूल और 15 हजार आदर्श स्कूल बनाए जाने कि घोषणा की। इससे लोगों में खासी खुशी दिखाई दी। बजट पर चर्चा करते हुये पंकज यादव ने बताया कि बजट में विदेशों से आये मोबाइल फोन महंगे हो जाएंगे। जिससे लोगों को अधिक जेब खाली होेगी। सरवत जहां ने बताया कि स्वास्थ्य व आधारभूत संरचना के क्षेत्रों पर फोकस किया गया है। इस बजट को उन्होंने औसत दर्जा दिया। धनंजय मौर्य ने बताया कि इस बजट में सबसे राहत वाली बात आयकर के स्लैब में कोई बदलाव को बताया और संतुष्टि जाहिर की। अनिल यादव ने बताया कि अपनी राय रखते हुए बजट में कुछ विशेष नही पाया और बजट में देश के धन कि बर्बादी बताया और आम बजट में आम लोगों के लिए कुछ भी नया न देने कि बात कही। गोविन्द चौबे ने बताया कि बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी बड़ी सौगात दी गई है। सरकार का दावा है कि अगले वर्ष तक देश के किसानों की आय दुगनी हो जाएगी।