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संस्कृत हमारे देश और भारतीय संस्कृति की आत्मा है-प्राचार्य डॉ.शरद कुमार

जमानियां। स्टेशन बाजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय संस्कृत विभाग द्वारा समकालीन संकट के समाधान में उपनिषदों की भूमिका विषयक संगोष्ठी का आयोजन सेमिनार हाल में किया किया गया।

सर्व प्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.शरद कुमार द्वारा मां सरस्वती भारत माता एवं स्वामी विवेकानंद जी के तैल चित्र पर पुष्प गुच्छ अर्पित करते हुए दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात अंकिता सिंह, प्रियांशु सिंह, रीतू सिंह, सोनल यादव द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। संगोष्ठी की संयोजक एवं संस्कृत विभाग की अध्यक्ष डॉ श्रीमती विमला देवी द्वारा विषय प्रवर्तन करते हुए विस्तृत ज्ञान की स्थापना अपने संबोधन द्वारा किया गया। अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार सिंह ने जीव ब्रह्म माया एवं जीवन के भौतिक एवं आध्यात्मिक पक्ष को सविस्तार रखते हुए प्रकृति और मनुष्य के सम्बन्धों पर विस्तृत सूचना परक व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए शिक्षार्थियों का ज्ञान रंजन किया। महाविद्यालय आई क्यू ए सी प्रभारी डॉ.अरुण कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति को यदि संरक्षित करना है संस्कृत को ज्ञान की भाषा मानकर इसके वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता है। नासा ने यह स्वीकार किया है कि संस्कृत विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा प्रमाणित हो चुकी है।इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.संजय कुमार सिंह ने संस्कृत को विश्व की सबसे अग्रणी भाषा प्रमाणित किया।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.शरद कुमार ने संगोष्ठी के आयोजन हेतु संस्कृत विभाग की अध्यक्ष डॉ. विमला देवी को बधाई देते हुए विषय चयन हेतु प्रसन्नता व्यक्त की उन्होंने कहा कि संस्कृत हमारे देश और भारतीय संस्कृति की आत्मा है। डॉ.कुमार ने जीवन में सफल होने के लिए इन ग्रथों को आत्मसात करने पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री ने किया। संगोष्ठी में स्नातक शिक्षार्थियों द्वारा वैज्ञानिक शोध पत्र वाचन किया गया। विनीता श्रीवास्तव कु. माया पूजा वर्मा पूजा कुमारी ज्योति तिवारी सोनल यादव खुशबू जायसवाल रूपा तिवारी सहित दर्जनों शिक्षार्थियों द्वारा शोध पत्र का वाचन किया गया। निर्णायक मंडल ने वाचन एवं गुणवत्ता को आधार मानते हुए प्रथम स्थान विनीता श्रीवास्तव द्वितीय स्थान कु. माया एवं तृतीय स्थान कु.ज्योति तिवारी को तथा सांत्वना पुरस्कार हेतु पूजा वर्मा को चुना।शानू तिवारी, रानी कुमारी, मनीषा यादव, श्वेता उपाध्याय, नेहा कुमारी सिंह, रीतू प्रजापति, पूजा यादव, राधिका आदि की भूमिका सराहनीय रही।कार्यक्रम का सफल संचालन कु. माया ने किया।