नगसर(गाजीपुर)। क्षेत्र के विशुनपुरा में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिन कथा व्यास पं0 भृगुभूषण जी ने भगवत्प्राप्ति के लिए जीव को सर्वसुलभ उपाय बताते हुए कहा कि भगवान को प्राप्त करने के लिए किसी उम्र की कोई सीमा नहीं है यदि भगवान को पाने के लिए उम्र की सीमा रहतीं तो पांच वर्ष के अल्पायु में ध्रुव जी को भगवान नहीं मिलते, प्रहलाद जी पर भगवत्कृपा नही होती, गजेन्द्र को भगवान नहीं मिलते इस लिए हमें भगवान को पाने कि सतत लालसा होनी चाहिए, आज़ हम भगवान के मंदिर में जाकर के सिर्फ भौतिक सुखों के लिये रोते हैं किसके लिए, घर के लिए , परिवार के लिए, धन के लिए, पद के लिए, प्रतिष्ठा के लिए, हम सब कुछ इह लौकिक वस्तु के लिए रोते हैं परन्तु भगवान मिल जाए उनके लिए कभी नहीं रोए जो सच्चे अर्थों में भगवान के लिए रोते हैं भगवान उन्हें अवश्य दर्शन देते हैं और मीरा, सूरदास जी की तरह उनका जीवन सफल हो जाता है।
इस श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ कार्यक्रम में मुख्यरूप से अजय दुबे, वीरेन्द्र तिवारी, रामचन्द्र, रामनरायन तिवारी सहित क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग कथा रसपान कर रहे है।