जमानिया।किसी भी ऐसी स्थिति जो मानवता के लिए हानिकारक हो, उसकी समाप्ति के लिए जन जागरण की जरूरत होती है। हमारा देश भी तब आजाद हुआ था जब जन आंदोलन शहर से लेकर गांव के अंतिम आदमी तक पहुँच गया था और पूरे देश से अंग्रेजी सरकार के खिलाफ आवाज आने लगी थी।
आज विश्व के हर देश के साथ भारत भी कोरोना से लड़ रहा है।पहली लहर आयी तब देश के प्रधानमंत्री सहित अनेक नेता एवं अभिनेताओ ने लोगो को जागरूक किया कि मास्क पहने और दो गज की दूरी का पालन करे लेकिन पहली लहर के बाद दूसरी लहर ने आकर भारत मे बहुत ज्यादा जन नुकसान किया इसके बावजूद भी लोग सचेत होने का नाम नही ले रहे। कोरोना केस में थोड़ी कमी क्या आयी लोगों ने फिर बिना माश्क के घूमना शुरू कर दिया और यदि किसी को मास्क लगाये देख ले रहे है तो कहने लग रहे है कि अब क्या मास्क लगाते हो कोरोना गया।
मास्क न लगाने के साथ- साथ ऐसे भी लोग है जो गलियों में चबूतरे पर बैठ कर पान या गुटका खा बीच गली में थूक रहे है, गुजरते वक्त बिना उस पर पैर रखे नही जा सकते।शहर और कस्बे में पुलिस फोर्स गस्त कर लोगो को समझा रही है लेकिन ग्राम स्तर पर भी पुलिस टीम का भ्रमण जरूरी है ताकि लोगो को मास्क लगाने के लिए जागरूक करें और गुटका पान खाकर बीच रास्ते मे थूक कर कोरोना फैलाने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जा सके।