गाजीपुर। राष्ट्रीय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के अनुपालन में रविवार को को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में जनपद न्यायालय के सभागार में सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया।
जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रशान्त मिश्र ने कहा कि आजादी के बाद देश को राष्ट्रीयता के सूत्र में पिरोने वाले लौहपुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वतंत्रा प्राप्ति के बाद देशी रियासतों का एकीकरण कर अखण्ड भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होने 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में मिलाकर एक भारत राष्ट्र का निर्माण किया।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुलाब सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा संघर्ष में था। उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्व भी किया। लौहपुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री भी थे। श्री विष्णु चन्द्र वैश्य, नोडल अधिकारी लोक अदालत, गाजीपुर द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर बताया गया कि किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखण्डता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे। इसी वजह से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस अवसर पर पूर्णकालिक सचिव सुश्री कामायनी दूबे ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर संविधान के अनुच्छेद 15 एवं अनुच्छेद 39 में वर्णित समानता के अधिकार के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुलाब सिंह-द्वितीय, विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट विष्णु चन्द्र वैश्य, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय-प्रथम संजय कुमार यादव, प्रधान न्यायाधीश किशोर न्याय बोर्ड सुश्री शाम्भवी, नवसृजित न्यायालय पंचम अपर सिविल जज (जूडि) प्रत्युष प्रकाश‚ अपर सिविल जज जू0डि0 शाम्भवी-द्वितीय एवं नवसृजित अपर सिविल जज जूडि0, यशार्थ विकम सहित न्यायालय के तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीगण तथा सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहे।