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2030 तक मलेरिया मुक्त बनने का रखा गया लक्ष्य

ग़ाज़ीपुर। विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मलेरिया को मिटाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करना है। सोच है कि बीमारी के कारण होने वाली परेशानी और मौतों की दर को कम किया जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य राज्यों ने 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान विश्व मलेरिया दिवस की स्थापना की। दरअसल, मलेरिया एक रोके जाने वाली और उपचार योग्य बीमारी है। इसके बाद भी इस बीमारी का प्रभाव पूरी दुनिया में रहा है। इसी के मद्देनजर सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने इस मौके पर बोलते हुए कहा कि यूपी सरकार का ‘दस्तक अभियान’ मलेरिया से लड़ाई के लिए चालू है। इसके तहत 2030 तक मलेरिया मुक्त बनने का लक्ष्य रखा गया है। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हाल ही में कहा था कि सरकार राज्य में इस तरह के रोगों को खत्म करने और 2030 तक इसे मलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है।दस्तक अभियान में आशा और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को जल जनित और मच्छर जनित विभिन्न बीमारियों से लोगों को अवगत कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम आज जनपद के सभी ब्लाकों के सामुदायिक स्वास्थ्य और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मनाया गया। आए हुए जनमानस को मलेरिया से बचने के उपाय और यदि मलेरिया हो जाता है तो उसके इलाज के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि जनपद में कुल 339 मलेरिया की जांच भी हुई है। जिसमें कोई भी मरीज पॉजिटिव नहीं आया है। इस दौरान उन्होंने बताया कि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है। इसकी जांच एवं उपचार की पूरी व्यवस्था चिकित्सा विभाग के द्वारा मुफ्त में उपलब्ध है। गांव गांव में रहने वाली आशा के पास जांच किट भी उपलब्ध है। यदि किसी को लंबे अंतराल से बुखार आ रहा हो तो वह तत्काल जांच कराएं।

इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई छिड़काव व फागिंग की व्यवस्था ग्राम प्रधान और सचिव के माध्यम से किया जाना है। जबकि नगरी क्षेत्र में नगर पंचायत, नगर पालिका के द्वारा किया जाना है। मच्छर के खात्मे के लिए साफ पानी की आवश्यकता है। अतः सभी ग्राम प्रधान अपने क्षेत्र में जल निकासी का उचित प्रबंध क।रें सब के सामूहिक प्रयास से इस मलेरिया जैसे रोक पर आसानी से काबू पाया जा सकता है।

इस संगोष्ठी में डिस्टिक बीबीडी कंसलटेंट अंकिता त्रिपाठी, अर्बन कोऑर्डिनेटर अशोक कुमार, बीसीपीएम, एआरओ,आशा संगिनी, सीएचओ, ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव उपस्थित रहे।