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गंगा का रौद्र रूप जारी, तटवर्ती इलाके बाढ़ की चपेट में

जमानियाँ(गाजीपुर)। गंगा के रौद्र रूप से तटवर्ती इलाकों में दहशत व्याप्त है। पूरा इलाका बाढ़ से पूरी तरह घिरता जा रहा है। बाढ़ से चारों तरह घिर जाने के कारण तटवर्ती इलाकों के लोग सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे है।

वर्तमान समय में गंगा खतरा बिंदु से ऊपर बह रही है तथा गंगा का जलस्तर 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। रविवार को शाम 6 बजे तक गंगा का जल स्तर 64.160 मीटर हो गया जबकि वर्ष 2021 में बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.680 मीटर था तथा वर्ष 2019 में बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.530 मीटर था। बाढ़ की स्थिति का मापदंड पर ध्यान दे तो गंगा का सामान्य जलस्तर 59.906 मीटर व निम्न स्तर (चेतावनी बिंदु) 61.550 मीटर तथा मध्य स्तर (खतरा बिंदु) 63.105 मीटर और बाढ़ का उच्च स्तर 65.220 मीटर है।

बाढ़ की विभीषिका में मतसा बाड़, जीवपुर बाड़, रघुनाथ बाड़, देवरिया बाड़ सहित तटवर्ती इलाका पूरी तरफ चपेट में आ गया है तथा बाढ़ एन एच 24 को छू लिया है। देवरिया स्थित पुलिस चौकी, प्राथमिक स्कूल व रिहायसी मकान बाढ़ से पूरी तरह घिर गये है। हरा चारा व भूसा बाढ़ की भेट चढ़ जाने के कारण बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोगों के समक्ष पशुओं के चारे का संकट उत्पन्न हो गया है। रात्री के समय जलीय जीव जन्तु का भी खतरा बढ़ गया है।

जमानियाँ-देवरियाँ में बाढ़ से घिरा मंदिर

सूत्रों की माने तो गंगा में बढ़ाव अभी और जारी रहेगा। प्रशासन जगह-जगह बनाये गये बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है तथा कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है ताकि बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोगों को सम्बल प्रदान किया जा सके।

जमानियाँ-देवरियाँ में बाढ़ का भयावह दृश्य

बाढ़ के विभीषिका को देखने वालों का तांता लगा रहा तथा कुछ युवा मोबाइल से सेल्फी भी लेते देखे गये।

गहमर प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय तहसील क्षेत्र में गंगा नदी में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए तटवर्ती गावो के कुछ लोग अपना घर छोड़ कर सुरक्षित जगहों को पलायन करना शुरू कर दिए है। प्रशासन के स्तर से लोगो को आवागमन हेतु प्रत्येक गाँव के दो नावों की व्यवस्था की गई है।लिये चौकन्ना हो गया है।
ज्ञात हो कि रविवार की सुबह 10 बजे तक गंगा नदी का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था। रविवार की दोपहर 12 बजे तक जलस्तर 64.010 मीटर था वर्तमान में गंगा नदी का जलस्तर खतरा बिंदु से उपर चल रहा है। इसको देखते हुए प्रशासन द्वारा लोगो सतर्क और सुरक्षित रहने के लिए आगाह किया जा रहा है। सभी बाढ़ ग्रस्त इलाको में लेखपाल, कोटेदार के साथ साथ बीट के सिपाही की ड्यूटी लगाई गई है। बाढ़ आपदा में राहत कार्य के लिए सेवराई तहसील प्रशासन के द्वारा दो बाढ़ राहत केंद्र, 7 राहत कैंप और 15 बाढ़ चौकी बनाई गई है जहां 24 घंटे 7 दिन शिफ्टवार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है । दोनों राहत केंद्र की जिम्मेदारी वीडियो भदौरा और रेवतीपुर को दी गई है। इनके द्वारा बाढ़ राहत केंद्र से राहत कार्य की सारी गतिविधियां संचालित की जाएंगी । ज्ञात हो कि सेवराई तहसील क्षेत्र के कुल 52 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं जिनमें 21 गांव गैर आबादी वाले हैं जहा बाढ़ से आबादी प्रभावित नहीं है। वही 31 आबादी वाले गांव हैं इसमें 18 गांव की आबादी बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित है। प्रशासन की तरफ से बाढ़ आपदा राहत के लिए 22 मझली तो 16 बड़ी नाव की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में एस डी एम राजेश प्रसाद चौरसिया ने बताया कि प्रशासनिक तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। आपात काल मे रेस्क्यू के लिए पी ए सी के आपदा प्रबंधन बल दोनों बाढ़ कैम्प पर मौजूद है। प्रारंभिक तौर पर जनपद में करीब 2हजार राहत पैकेट तैयार कराए गए हैं। विषम परिस्थिति एवं जिलाधिकारी के निर्देश अनुसार जनपद के संबंधित अति प्रभावित क्षेत्रों में इसका वितरण किया जाएगा।

बाढ़ में नाव से सुरक्षित स्थान पर जाते लोग